सरगुजा

केन्द्रीय जेल में विधिक सेवा शिविर
23-Jun-2022 8:34 PM
केन्द्रीय जेल में विधिक सेवा शिविर

अम्बिकापुर, 23 जून। आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के अध्यक्ष राकेश बिहारी घोरे के मार्गदर्शन में केन्द्रीय जेल में सेवा शिविर का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित जिंदल ने बताया है कि प्ली बारगेनिंग के अनुसार सात साल के दण्ड तक के मामले में उस दशा को छोडक़र जहां अपराध देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है या स्त्री या 14 साल के बालक के विरूद्ध किया गया हो, को छोडक़र अभियुक्त के स्वेच्छा से आवेदन पेश करने पर प्रकरण में निपटारा होता है।

श्री जिन्दल ने बताया कि नालसा के गिरफ्तारी पूर्व गिरफ्तारी एवं रिमाण्ड योजना के अनुसार उच्चतम न्यायालय के निर्णय शीला बारसे बनाम महाराष्ट्र राज्य ए.आई.आर. 1983 एस.सी 378 दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 41-च के अनुसार पुलिस गिरफ्तार व्यक्ति को उसके विधिक सहायता प्राप्त करने के अधिकार को बताने के लिए बाध्य है। अनेक बार गिरफ्तार व्यक्ति दूसरे जिले का निवासी हो सकता है, ऐसे में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय मोतीराम बनाम मध्य प्रदेश राज्य ए.आई.आर 1978 एस.सी. 1594 के अनुसार ऐसी दशा में उसके अधिवक्ता द्वारा न्यायालय से बाहर के जमात स्वीकार करने का और उसकी समझी जा सकने वाली भाषा में अनुवाद का निवेदन किया जाता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22, उच्चतम न्यायालय के निर्णय डी के बासू बनाम पश्चिम बंगाल राज्य, ए.आई.आर.1998 एस.सी. 610. अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य एआईआर 2014 एस.सी. 2756, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 60, 50-क, धारा 53, 54, 57, 167, आदि के बारे में भी बताया गया।

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