रायपुर

100 रूपए किलो बेलपत्ता, धतुरा 10 रूपए में
26-Jun-2022 8:48 PM
100 रूपए किलो बेलपत्ता, धतुरा 10 रूपए में

अब हर सोमवार सावन सोमवार

टिकेश यादव

रायपुर, 26 जून। सावन का महिना 14 जुलाई से शुरू हो रहा है। लेकिन उससे पहले ही शिव मदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। सुबह से शाम तक शिव मदिरों में भक्त लोटे में जल,बेलपत्र ,धतूरा और फूल माला लेकर पहुंच रहें हैं। इससे बाजार में फूल बेलपत्र,धतुरे की मांग बढ़ गई है। फूल विक्रेताओं का व्यवसाय भी चमक गया है। दैनिक छत्तीसगढ़  ने शहर के मंदिरों के माहौल को देखकर जानकारी ली। माहौल आज यह है कि पूरे सप्ताह भर शिव मंदिरों में भक्तों कि भीड़ लगी रहती हैं। मानो हर सोमवार सावन सोमवार है। लोग मंदिरों में भगवान शिव की पूजा उपासना करते मंत्रजाप,आरती, हवन कर रहे हैं। शिव भक्तों के तादात बढऩे से मंदिरों के बाहर पूजा सामान बेचने बालों के कारोबार में तेजी आई हैं। इनकी मांग इतनी है कि इसकी पूर्ती नहीं हो पा रही हैं। लोग शिव प्रिय बेलपत्र,धतुरा,फूल के लिए भटक रहें हैं। कारण यह हें कि शहरी करण के कारण धतुरा का मिलना विरल हो गया है। और इसकी कोई खेती भी नही करता हैं। इसके पौधे जादातर मैदानी इलाकों और सडक़ों के किनारे होते हैं। लोग इसे खरपतवार होने और कांटेदारे पौधे होने के कारण इनहें जला देते हैं। जिसके कारण बाजार में इनके दाम जादा हैं।

शिव मंदिर के पुजारी मनोज शर्मा ने बताया कि जब से शिव महापुराण की कथा हो रही है। लोगों के आस्था का केन्द्र बन गया है भगवान शिव की पूजा करने लोगों का तांता लगा रहता हैं। पहले लोग सावन माह में ही शिव मंदिरों में पूजा करते नजर आते थे। आज लोगों की दिनचर्या में बदलाव आया है। अब दिन की शुरूवात पूजा आरती से कर करने लगें हैं। जोकि हिन्दू धर्म की पहचान हैं। आज के समय में युवा वर्ग आस्था से जुडनेलगे है ।

फूल विक्रेताओं ने बताया कि लोग पहले मंदिरों में जाने से पहले नारियल फूल लेकर जाते थे। गेंदा मोंगरा जैसे फूल बिक जाते थे । लेकिन अब इन फूलों के खरीदार कम हो गऐ हैं। अब रोज पूजा करने आये लोग शंकर जी की पूजा के लिए धतुरा,बेलपत्ता,फूडहर फूलों की मांग करते है। जो की भगवान शिव का प्रिय फूल माना जाता है। इनकी मांग ज्यादा होने से फूलों की बिक्री बढ़ गई है। अब एक रूपए का धतुरा फल दस रूपए में एक बिक रहा है बेलपत्ता के दाम 80-100 रूपए किलो हो गए है। खरीदारी बढऩे से अच्छा खासा मुनाफ हो जाता है।

आयुर्वेद में बिल्वपत्र और धतुरा का महत्व

ऐसा कहा जाता है कि महादेव ने शरीर में हलाहल विष की जलन को शांत करने के लिए बिल्व पत्र खाया था। वास्तव में बेल पत्र में भी कई औषधीय गुण होते हैं। बेल पत्र की तासीर ठंडी होती है और इसका इस्तेमाल डायबिटीज , हाइपरटेंशन , कोलेस्ट्रॉल और दिल से संबंधित बीमारियों से लेकर पाचन तंत्र मजबूत करने के लिए भी किया जाता है।

वहीं , आयुर्वेद के अनुसार , धतूरे में मौजूद औषधीय गुण घाव को ठीक करने और शारीरिक क्षमता को बढ़ाने जोड़ों के दर्द और सूजन में फायदेमंद ,गंजेपन को दूर करता है ,शरीर के जख्म या घाव में इसके लेप को लगाया जाता है। कान के दर्द में है कारगर होता है।

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