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मांगों को ले कर्मियों की हड़ताल, दफ्तरों में सन्नाटा
29-Jun-2022 8:32 PM
मांगों को ले कर्मियों की हड़ताल, दफ्तरों में सन्नाटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 29 जून।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर केन्द्र के समान देय तिथि अनुसार निर्धारित महंगाई भत्ता स्वीकृत करने एवं केन्द्र के अनुरूप 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय तिथि से व 7वें वेतनमान अनुसार गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृत करने की मांग को लेकर बुधवार को कर्मचारी अधिकारी सामूहिक छुट्टी पर रहे। कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा और कुर्सियां भी खाली दिखीं। इसके साथ-साथ कई शासकीय स्कूल भी बंद रहे। इस एकदिवसीय आंदोलन से काफी शासकीय कार्य प्रभावित हुआ।

बुधवार को शासकीय कर्मचारी अधिकारी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले एक दिवसीय अवकाश लेकर आंदोलन में सम्मिलित हुए। कलेक्ट्रेट शाखा स्टेट बैंक के सामने सभी ने धरना दिया और अपनी आवाज बुलंद की। इस एक दिवसीय हड़ताल में स्वास्थ्य, शिक्षा, तहसील, वन विभाग, कमिश्नर कार्यालय, जिला पंचायत, आदिवासी विभाग, कलेक्ट्रेट, पशु विभाग, पी.डब्ल्यू.डी. विभाग, कृषि विभाग, महिला बाल विकास विभाग, जल संसाधन एवं समस्त विभागों के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए।

फेडरेशन के संभागीय संयोजक कौशलेंद्र पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता नहीं देने की नीति से प्रदेश के कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है।

आगे कहा कि शासन द्वारा हमारे सेवा शर्तों एवं मौलिक अधिकार का सतत हनन किया जा रहा है। शासन द्वारा जारी किए गए महंगाई भत्ता के आदेशों में एरियस एवं देय तिथि का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई है। शासन द्वारा लगातार कर्मचारियों एवं अधिकारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। हमारे आर्थिक हितों को नजरअंदाज शासन कर रही है। किसी को लेकर आज कर्मचारी अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद कलम बंद हड़ताल का आयोजन किया। धरना प्रदर्शन के बाद कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया।

 श्री पांडेय ने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिवस का अवकाश लेकर जिला, तहसील एवं विकास खंड स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

आंदोलन धरना प्रदर्शन के दौरान जिला संयोजक कमलेश सोनी, डॉ. सी के मिश्रा, अजीत सिंह, आलोक सिंह, दुर्गेश सिन्हा, आनंद यादव, अनिल तिवारी, श्रीकांत चौबे, संतोष दुबे, अखिलेश सोनी, शीतल बहादुर सहित भारी संख्या में कर्मचारी अधिकारी मौजूद थे।

दफ्तरों में कुर्सियां रहीं खाली, स्कूल भी रहे बंद
कर्मचारी अधिकारियों की इस हड़ताल में कई विभागों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हुए। कर्मचारी अधिकारियों के हड़ताल पर रहने से दफ्तरों में कुर्सियां खाली रही, इससे कई शासकीय कार्य नहीं हो सके। वहीं दूसरी तरफ कई शासकीय स्कूलों में भी छुट्टी रही।

अध्यापन कार्य पूरी तरह से ठप रहा। यही नहीं कई जगह मध्यान्ह भोजन भी बच्चों को नहीं मिल पाया।

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