सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 30 जून। अम्बिकापुर में माता बनभौरी का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का उत्सव सात दिवसीय होगा जो कि 30 जून से प्रारंभ होकर 6 जुलाई को समाप्त होगा।
ज्ञात हो कि गत दिनों माता बनभौरी मंदिर के लिए माता भक्त हरियाणा हिसार के माता धाम से माता की ज्योत लेकर आये थे, जिसका शहर के साथ-साथ सरगुजा संभाग भर में भव्य स्वागत किया गया था।
उत्सव के प्रथम दिन माता की कलश यात्रा के साथ-साथ निशान यात्रा भी निकाली गई जो कि राम मंदिर से प्रात: 7 बजे प्रारंभ हो कर पैलेस रोड, अग्रसेन चौक, अग्रसेन मार्ग होते हुए कुंडला सिटी स्थिति नव निर्मित मंदिर पहुँचीं। यात्रा में एक हज़ार से अधिक महिलाएं व सैकड़ों पुरुष शामिल हुए। महिलाएं कलश तो पुरुष निशान थामे माता की भक्ति में दिखे।
हज़ारों महिलाओं की एक रंग की साड़ी रही आकर्षण का केंद्र बिंदु कलश यात्रा में हज़ार से अधिक महिलाएं शामिल हुईं, सभी की पोशाक एक जैसी थी, सभी महिलाओं ने पीली साड़ी पहनी हुई थीं। साथ ही पुरूषों के पोशाक भी एक जैसे थे, पुरूषों ने भगवे रंग के कुर्ते पहने हुए थे। यात्रा में बड़ी संख्या में एक जैसे पोशाक पहने भक्त आकर्षक लग रहे थे।
माता बनभौरी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव 7 दिवसीय होगा, जिसका शुभारंभ कलश यात्रा से हुआ। उत्सव 30 जून गुप्त नवरात्र के प्रथम दिवस से प्रारम्भ हो कर 6 जुलाई को संपन्न होगा। कलश यात्रा के साथ ही 7 दिवसीय विशेष पूजा-अर्चना प्रारम्भ हो गई, जिसमें देव प्रतिष्ठा व 9 ब्राह्मणों द्वारा पूजा संपन्न कराया जाएगा। तत्पश्चात 4 जुलाई को विशाल शोभायात्रा निकलेगी व शोभायात्रा के पश्चात शाम को बाहर से आये प्रख्यात कलाकारों द्वारा अपने भजनों से सभी भक्तों को माता की भक्ति में लीन करवाएंगे।
5 जुलाई को मेहंदी उत्सव, डांडिया उत्सव,व माँ का जागरण होगा, 6 जुलाई को प्रात: सवामनी व छप्पन भोग लगाया जाएगा तत्पश्चात दोपहर 1 बजे महा मंगलपाठ होगा व शाम 6 बजे से भजन संगीत का कार्यक्रम होगा।