महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 11 जुलाई। रविवार को शहर में शांतिपूर्वक ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया गया। इस दौरान लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाईयां दी। इस त्योहार को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। मुस्लिम समाज के लोग इसे त्याग और कुर्बानी के तौर पर मनाते हैं।
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक हर साल दो बार ईद मनाई जाती है। एक ईद उल अजहा और दूसरा ईद उल फितर। कल रविवार को सुबह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सामूहिक रूप से ईद की नमाज अता की।
ईद उल अजहा के अवसर पर तुमगांव रोड स्थित ईदगाह महासमुंद में सुबह 9 बजे ईद की नमाज अता की गई। ईदगाह में काजी ए शहर हजरत मुफ्ती आफताब आलम रहमती साहब खतिबो इमाम जामा मस्जिद महासमुंद ने नमाज अता कराई। लोगों को नमाज अदा करने के बाद खुतबा सुनाया गया और उसके बाद विशेष दुआ मांगी गई। नमाज में शामिल सभी ने देश की खुशहाली, तरक्की, आपसी एकता व भाईचारे के लिए दुआ मांगी।
ईदगाह में नमाज के बाद सभी ने कब्रिस्तान पहुंचकर अपने मरहूमों के कब्रों पर फूल व इत्र पेश कर अगरबत्ती लगाकर फातेहा पढ़ा और उनके हक में दुआएं मांगी। नगर में ईद के मौके पर लोगों का आपसी प्रेम व हिन्दू-मुस्लिम एकता का मंजर भी देखने को मिला। इस अवसर पर नगर के जनप्रतिनिधियों ने ईदगाह पहुंच कर समाजजनों को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। इसमें प्रमुख रूप से संसदीय सचिव व विधायक विनोद चंद्राकर, नगर पालिका उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष त्रिभुवन महिलांग, दिलीप चंद्राकर शामिल हैं। साथ ही मुस्लिम जमात जामा मस्जिद के सदर हाजी इशाक चौहान, सरंक्षक डॉ वाय मेमन, अधिवक्ता अजीज कुरैशी, हाजी हामिद चौहान, नायब सदर रज्जू भाई, हाजी सफीक चौहान, सचिव अधिवक्ता सलीम कुरैशी, कोषाध्यक्ष हाजी रफीक चौहान, अधिवक्ता मोबिन कुरैशी, गौसिया मस्जिद के सदर शकील रजा, जाकिर रजा व जमात के वरिष्ठजन उपस्थित रहे। उक्त जानकारी मुस्लिम समाज के सहसचिव जमशेद रजा ने दी।