रायगढ़
महानदी डूबान जमीन लगभग 650 एकड़ का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 16 जुलाई। सारंगढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत जशपुर कछार के लगभग 45 से 50 किसानों के लगभग 650 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से अपने नाम करने का मामला सामने आया है। किसानों को धोखा की जानकारी मिलते ही किसान अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, दिग्गज नेता, विधायक पूर्व मुख्यमंत्री को अवगत कराए थे, जिससे किसानों को खाली आश्वासन दिया गया, किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
घटना की जानकारी देते हुए किसानों ने बताया कि रायपुर के विमल एग्रीकल्चर मदन साउथ कोल कंपनी के द्वारा सारंगढ़ क्षेत्र के कुछ दलालों के साथ मिलकर जशपुर कछार के किसानों को बहला-फुसलाकर ठगी कार्य कर के जिस किसानों का नदी में जमीन है। उसी किसानों को बालू (रेता) निकलने के नाम से प्रति किसानों प्रति एकड़ प्रतिवर्ष आठ हजार रुपये देने का सौदा किये और किसानों से इकरारनामा में हस्ताक्षर के बहाने सभी किसानों की जमीनों को अपने नाम में बिक्री नामा में हस्ताक्षर करवा लिए, किसानों को इसकी जानकारी नहीं थी। किसानों को बस यही पता था कि - नदी में रेत है। उसी का हमें हर साल का आठ हजार मिलेगा यह सोचकर सभी किसान इकरारनामा समझ कर हस्ताक्षर किए।
किसानों को यह मालूम नहीं था की हम जिस पेपर पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, वह बिक्री नामा है और रही बात किसानों का यह कहना है कि पुरा लिखा पढ़ी का पुरा काम रात को अलग-अलग जगहों पर किसानों के साथ हस्ताक्षर करवाया गया। कुछ इसी प्रकार किसानों के साथ धोखा हुआ मामला अभी सारंगढ़ के सिविल कोर्ट व्यवहार न्यायालय वर्ग 2 में प्रकरण लंबित है और किसानों को आस है कि हमारे साथ न्याय होगा और आज किसानों ने रायगढ़ कलेक्ट्रेट में पहुंच कर मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपें।
मामले में डिप्टी कलेक्टर रोहित कुमार सिंह का कहना है कि किसानों से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम से ज्ञापन मिला है। हम इसे जल्द से जल्द आगे भेज कर आप लोग को न्याय दिलाएंगे।