महासमुन्द
कांवरियों का बड़ा जत्था श्वेत गंगा से जल लेकर अभिषेेक के लिए पहुंचे हैं
सावन का पहला सोमवार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 जुलाई। सावन का आज पहला सोमवार है। लिहाजा मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। बीते सालों में कोरोना के कारण शिवालयों में ताला पड़ा हुआ था। आज सुबह से लोग बेल पत्र, धथूरे का फूल, दूध आदि लेकर शिवालयों की ओर निकल पड़े हैं। कांवरिये भी श्वेत गंगा बम्हनी से जल लेकर पैदल सिरपुर स्थित गंधेश्वर महादेव को जल चढ़ाने भारी तादात में निकले हुए हैं। महासमुंद के रास्ते में उनके रुकने, चाय पानी, नाश्ते की व्यवस्था की गई है। कनेकेरा स्थित शिवालय में सुबह पांच बजे से श्रध्दालुओं की काफी भीड़ है और इनमें अधिकांश महिलाएं हैं।
श्वेत गंगा बम्हनी से कांव में जल लेकर गंधेश्वर महादेव सिरपुर कांवरियों के यात्रा की शुरुआत परसों शनिवार से हुई थी। कल शाम तक ये सिरपुर पहुंचे और आज सुबह से अधिकांश कांवरिए वापसी में हैं। समाचार लिखे जाने सुबह साढ़े 10 बजे तक करीब 400 कांवरिए सिरपुर पहुंचे थे। यहां पहुंचे कांवरियों ने आज सुबह से ही गंधेश्वर महादेव में जलाभिषेक किया है।
तुमगांव थान प्रभारी विनोद शर्मा ने बताया कि प्रशासन व पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में लगी हुई है। वहीं नदी के आसपास भी टीम तैनात है। आज सुबह से शुरू जलाभिषेक का कार्यक्रम शाम तक चलेगा। श्रद्धालुओं को अव्यवस्था न हो इसलिए पुख्ता इंतजाम सिरपुर में किए गए हैं।
मालूम हो कि सावन के पहले सोमवार को जिले के शिव मंदिरों में अचछी भीड़ रहती है और शिवभक्तों में एक अलग ही उत्साह रहता है। भक्त इस दिन अधिकांश लोग उपवास करते हैं और शिवालयों में जाकर हर हर महादेव का जयकारा लगाते हुए जलाभिषेक कर बेल पत्र, धतूरा सहित प्रसाद चढाक़र परिवार में सुख समृद्धि की कामना करते हैं। पंडित हेमंत द्विवेदी ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा महीना है। वैसे तो शिव को एक लोटा जल, एक बेलपत्र और अक्षत के चंद दाने ही भक्तों का कष्ट हरने के लिए प्रेरित कर देते हैंं, परंतु यदि पूजा के बाद उन्हें तीन बार श्रद्धा पूर्वक बम-बम के नाद के साथ याद किया जाता है तो शंकर की अपार कृपा होती है।