महासमुन्द
बच्चे के रोने की आवाज सुन मजदूरों ने सामाजिक संस्था को जानकारी दी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 जुलाई। एक विक्षिप्त महिला ने कल खेत में बनी झोपड़ी में एक बच्चे को जन्म दिया है। यह महिला कौन है, किसने उसे झोपड़ी में रखा, कितने दिनों तक वह झोपड़ी में थी, यह किसी को नहीं मालूम। कल शाम खेत में बच्चे के रोने की आवाज सुनकर खेत में काम कर रहे मजदूरों ने इसकी सूचना एक समनाजसेवी संस्था को दी। संस्था ने इसकी खबर पुलिस को दी। इसके बाद संस्था के सदस्यों और पुलिस ने मुखबीर के बताए स्थान पर पहुंच जच्चा बच्चा दोनों को बरामद किया और जिला अस्पताल पहुंचाया है। अस्पताल में दोनों की हालत ठीक है।
सामाजिक संस्था आस्था वुमन को एक खेत में काम कर रहे एक मजदूर ने शाम ढलते जानकारी दी कि खेत में एक झोपड़ी है, जहां से बच्चे के रोने की आवाज आ रही है। जिला मुख्यालय से लगे गांव भलेसर की ओर की एक खेत में सचमुच एक नवजात के जोर जोर रोने की आवाज आ रही थी। अंदर जाकर देखा तो एक विक्षिप्त महिला बेसुध पड़ी थी और नवजात ठिठुर रहा था। जच्चा बच्चा दोनों के बदन में कपड़े नहीं थे और झोपड़ी लहूलुहान थी। इसके अलावा झोपड़ी में पीने के पानी और भोजन के कुछ बर्तन भी थे।
महिला कब से यहां थी, उसके साथ कौन था, इसे खाना कौन दे रहा था, वह झोपड़ी में कैसे पहुंची जैसे सवालों के जवाब अब तक पुलिस को नहीं मिले हैं। महिला का नाम तक पुलिस को नहीं मालूम है। पुलिस ने तत्काल महिला और बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचा दिया है जहां दोनों की देखभाल की जा रही है। आस्था संस्था की महिलाओं ने दोनों के लिए कपड़े, खाना का इंतजाम भी किया है।
अस्पताल में पहुंचने के बाद डाक्टरों ने उसे एक ही बिस्तर में सुला दिया था। थोड़ी देर बाद महिला ने अपने बच्चे को देखा। फिर उसे दुलारने लगी। दूध पिलाकर उसे सहलाते हुए कपड़ों से ढंकने लगी थी। बहरहाल दोनों स्वस्थ हैं। पुलिस पशोपेश में है कि दोनों का जतन कहां रखकर किया जाए? इस मामले के आरोपी की पतासाजी जारी है।
सामाजिक संस्था आस्था की तारिणी चंद्राकर का कहना है कि विक्षिप्त महिला ने बालिका को जन्म दिया है। यह महिला रेप पीडि़ता हो सकती है। उसे परिवार जनों का भी किसी प्रकार से सहयोग नहीं है। समाज सेवी संस्था के माध्यम से इसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह विक्षिप्त महिला पहले से ही जिंदगी की पीड़ा झेल रही थी। उसके साथ समाज के दरिंदे इस तरह मजाक कर रहे हैं। इस महिला को हमने अपनी नन्हीं बच्ची के साथ ममता लुटाते देखा। बच्चे के जन्म के बाद उसके भरण पोषण की समस्या भी सामने आ रही हैं। समाज सेवी संस्था व जिला प्रशासन की मदद से इस महिला और बच्चे के लिए बैठक लेकर सुरक्षित साधन ढूंढने की कोशिश होगी।