रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 24 जुलाई। एक ओर समूचे छत्तीसगढ़ के किसान वर्ग खरीफ सीजन में रासायनिक खाद की संकट से जूझ रही है। तो दूसरी ओर व्यापारियों के सहारे जमके कालाबाजारी कर किसानों को लूटा जा रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गुरूपाल भल्ला ने इस आशय के विचार खाद संकट व अघोषित बिजली कटौती को लेकर भाजपा द्वारा किए गए धरना-प्रदर्शन के दौरान रखे।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में 60 प्रतिशत खाद व्यापारियों को मुहैया कराया जा रहा है जबकि मात्र 40 प्रतिशत खाद सहकारी समितियों को ऐसे में भूपेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों के परिणामस्वरूप तय कीमतों से कहीं अधिक राशि देकर प्रदेश की किसानों को व्यापारियों के पास से खाद की खरीदी करने को मजबूर किया जा रहा हैं।
सहकारी समितियों के माध्यम से अमानक नकली वर्मी कम्पोस्ट खाद किसानों को जबरन थमाया जा रहा है। वहीं अघोषित बिजली कटौती करके प्रदेश की किसानों के प्रति अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर भाजपा द्वारा कल प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया गया जिसके तहत आज बरमकेला में प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य गुरूपाल भल्ला, जिला भाजपा मंत्री मीरा धरम जोल्हे, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण नायक के नेतृत्व में विकासखंड स्तरीय कार्यक्रम अंतर्गत सेवा सहकारी समिति मर्यादित-बरमकेला पं.क्र.229 में तालाबंदी व धरने में बैठकर विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं अघोषित बिजली कटौती के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित बरमकेला कार्यालय का घेराव करके सहायक इंजीनियर मनोज पटेल को ज्ञापन सौंपा गया।
उन्होंने भूपेश सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि प्रदेश में झूठ और लूट के सहारे किसानों का शोषण किया जा रहा है। भारी मात्रा में खाद की कालाबाजारी की जा रही है। सोसायटी में रासायनिक खाद नही मिल रहा है और किसानों को व्यापारियों से ऊंची कीमत देकर खाद लेना पड़ रहा है। जबकि केंद्र सरकार ने पर्याप्त मात्रा में रासायनिक खाद राज्य सरकार को उपलब्ध कराई है।
इस विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में कैलाश पण्डा, मनोहर पटेल, भूतनाथ पटेल, परदेशी प्रधान, चूड़ामणि पटेल, दयाराम चैधरी, हेमसागर नायक, गजानन गढि़तिया, अजय नायक, संजय चैधरी, मोहन पटेल, राधाकांत देहरी, राजकिशोर पाणिग्राही, सीताराम पटेल, सुरेश पटेल, शुकदेव दुआन, राजकिशोर पटेल, अशोक भोई, अरूण मालाकार,भोजराम पटेल, वासुदेव चैधरी,आशीष चैहान, मधुसूदन श्रीवास, परमानंद चैहान, मंगलू सिदार समेत कई किसान बंधु शामिल थे।