रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 25 जुलाई। रायगढ़ जिले में एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों का आतंक व्याप्त है और इन जंगली हाथियों का आतंक कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा है कि शाम ढलते ही गांव की गलियां सूनी हो जाती है। ग्रामीण रतजगा करके अपनी व अपने फसलों की रक्षा करने पर मजबूर हैं। लगातार जंगली हाथियों की बढ़ती संख्या से मानव और हाथी के बीच द्वंद भी जारी है। इसी क्रम में रायगढ़ शहर से लगे हुए टीपाखोल में रविवार की रात जंगली हाथियों के पहुंचने से गांव में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है।
रायगढ़ शहर से महज 8 किलोमीटर दूर टीपाखोल क्षेत्र में एक बार फिर से जंगली हाथियों के एक दल ने दस्तक दी है। जंगली हाथी के दल के गांव पहुंचने की खबर से ही पूरे गांव में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। अपने दल से बिछड़े हुए एक दंतैल और एक हाथी शावक पिछले दो दिन से इस गांव के जंगलों में डेरा डाला हुआ है। इन हाथियों के द्वारा गांव के किसानों की फसलों व नुकसान भी पहुंचाया गया है।
इस मामले की जानकारी लगते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर जंगली हाथियों को वापस भगाने की कवायद में जुट गई है। साथ ही साथ गांव वालों को जंगली हाथियों से दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है।
इस संबंध में जानकारी देते टीपाखोल गांव के कुछ लोगों ने बताया कि बीती रात गांव के कुछ घरों में जंगली हाथियों के द्वारा थोड़ा बहुत नुकसान पहुंचाया गया है, वहीं रविवार की सुबह टीपाखोल जलाशय के पास जंगली हाथियों के दल को देखा गया था। रविवार की रात जंगली हाथियों का यह दल जिंदल एयरपोर्ट से चिराईपानी वाले मार्ग में पहाड़ किनारे झाडिय़ों में छुपा हुआ है। जंगली हाथियों की वजह से इस मार्ग में वाहनों का परिचालन पूरी तरह से इस मार्ग में बंद करा दिया गया था। देर रात तकरीबन 3 बजे दोनों हाथी वापस टीपाखोल के जंगलों में चले गए हैं। गांव के ग्रामीणों का आशंका है कि अपने दल से बिछड़े ये दोनों हाथी रात होते ही एक बार फिर से रिहायशी इलाको में प्रवेश कर सकते हैं।