रायपुर
यातायात चालान के नाम पर वसूली का गोरख धंधा, बार कोड इस्तेमाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अगस्त। छत्तीसगढ़ पुलिस के घेरे में पहली बार फंसने वाले दिल्ली से संचालित ठग कंपनी की फर्जीवाड़े की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। इस गिरोह में एक्सपर्ट युवतियां बातों में ही सम्मोहित करने माहिर है। इनके पास बकायदा ठगने के लिए लिखा हुए स्क्रीप्ट तक मिला है। कागजों में लिखे गए स्क्रीप्ट से पता चलता है कि बार-बार ठगने वाले किस तरह से पीडि़तों को कन्वेंस करते थे। अपनी बातों में उलझाने के लिए पूरी तरह से किसी अधिकारी होने का फील कराते थे। यहां तक की चालान नहीं पटाने पर कानूनी कार्रवाई और कोर्ट तक खींचने की धमकी भी देने स्क्रीप्ट बनाए रखा था। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने रविवार को मामले का खुलासा किया। पुरानी बस्ती में जिस पीडि़त को ई चालान पटाने को कहा, उसे बकायदा कोर्ट तक खींचने धमका रहे थे। दिल्ली से पहली बार बेनकाब इस गैंग के बारे में पुलिस भी जांच करते हैरान है। इनके ठिकाने से एक नहीं बल्कि इलेक्ट्रानिक डिवाइस में दर्जनभर कंप्यूटर-लेपटाप मशीन से लेकर पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और सर्वर के नए साफ्टवेयर तक बरामद हुए हैं। पुलिस को पूरा अंदेशा है कि इस गैंग ने ऐसे साफ्टवेयर के लिए काम कर रहे थे जिनसे ई चालान या फिर और किसी दूसरे विभाग की राजस्व वसूली के लिए फर्जीवाड़ा कर सकते थे। इसके पहले पुरानी बस्ती थाना में हितेश कुमार साहू की रिपोर्ट के बाद यह मामला पहली बार पुलिस के संज्ञान में आ सका। सुभाष नगर प्रोफेसर कालोनी निवासी हितेश को 23.01.22 को यातयात पुलिस रायपुर द्वारा प्रार्थी को बिना हेलमेट वाहन चलाने के संबंध में ई-चालान जारी किया गया था। जिसकी सूचना प्रार्थी को उसके मोबाईल नम्बर में मैसेज के माध्यम से प्राप्त हुई। प्रार्थी द्वारा उक्त चालान का भुगतान उस समय नहीं किया गया था। इसी दौरान दिनांक 01.07.2022 को मोबाईल नंबर 8745087152 तथा 8874635467 के धारक एक महिला द्वारा प्रार्थी के मोबाईल नम्बर में व्हाट्सएप के माध्यम से ई-चालान एवं क्यू आर कोड भेजकर, उस कोड के माध्यम से भुगतान करने की बात कही। तथा महिला द्वारा स्वयं को सी.जे.एम. कोर्ट बिलासपुर से होना बताया गया एवं चालान का भुगतान नहीं करने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की बात कही। क्यूआर कोड के माध्यम से प्रार्थी ने 500 रुपये का भुगतान भी कर दिया। जब पुलिस के रिकार्ड में ई चालान के बारे में पता लगाया तब फर्जीवाड़ा करने का पता चला। अज्ञात फोन धारकों पर संदेह होने पर उसने थाना आकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
मास्टर माइंड ठग गिरोह में युवतियां
ठग गिरोह में दो कॉल सेंटर में दबिश देने के बाद पुलिस ने भंडाफोड़ किया। गिरोह का मास्टर माइंड विभांशु गर्ग उर्फ गौरव निवासी 485 कंबल वाला बाग नई मंडी मुजफ्फर नगर है। इसके अलावा पकड़े गए पांच आरोपियों में सुमित कुमार ठाकुर रूनिशादपुर (बिहार), नेहा शर्मा उर्फ तनिशा निवासी हरि नगर मायापुरी जिला वेस्ट दिल्ली, रानी उर्फ कोमल निवासी मायापुरी, सत्या उर्फ शमिता मायापुरी, जन्नत अंसारी उर्फ काव्या आदर्शनगर न्यू दिल्ली शामिल हैं।
नौकरी छोड़ एमबीए होल्डर बना ठग
कंपनी के डायरेक्टर विभांशु गर्ग ने बताया कि वह एम कॉम व एम.बी.ए. की पढ़ाई किया है।घुमले कंपनी टूर एण्ड ट्रेवल्स का संचालन करता था साथ ही लेट्स कनेक्ट कंपनी जिसमें सॉफ्टवेयर डेव्हलमपेंट, एप्प्लीकेशन डेव्हलमपेंट, वेब साईट डेव्हलमपेंट, गुगल एडवर्स, यू-ट्यूब प्रमोशन एण्ड डेव्हलमपेंट, कनटेंट राईटिंग, वर्चुवल नंबर एवं सोशल मीडिया प्रमोशन का काम करता था। इसी दौरान कुछ डाटा वेंडर्स के संपर्क में आया और वेंडर्स से अलग - अलग राज्यों के ई-चालान का डाटा खरीदकर फर्जी ई-चालान से वसूली का खेल शुरू कर दिया। आरोपी ने बकायदा एनआईसी के सर्वर से भी डाटा लिक कराए। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
आरोपी गिरोह के पास ठगी के लिए पूरा स्क्रीप्ट तैयार किया मिला है। आमतौर पर झांसा देने युवतियां दबाव बनाती थी। अलग-अलग तरीकों से दूसरे राज्यों में भी फोन पर ही फर्जीवाड़ा किया।
- गिरीश तिवारी, प्रभारी क्राइम