बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 22 अप्रैल। तारलागुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर और चार स्टॉप नर्स के भरोसे पूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उनके कंधे पर है। दर्जनों गाँव इस अस्पताल की सुविधाओं पर निर्भर है। यहां आसपास गांव के सैकड़ों लोग इस अस्पताल में इलाज के लिए आते है। वैसे तो बस्तर संभाग के अंदरूनी गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है, जहाँ है वह भी लचर व्यवस्थाओं में है कई स्वास्थ्य केंद्र वेंटिलेटर पर है।
तारलागुडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नजदीक वाले गांव कोत्तूर अज्ञात बीमारी फैली हुई है जिससे बीते दिनों में दो ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। अस्पताल में स्टाफ की कमी है वह पदस्थ डॉक्टर सत्यनारायण ने बताया कि वे तेलंगाना से रिटायर्ड होने के बाद छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर में संविदा पद पर कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में उनके साथ चार नर्स काम करती है वहीं एक फार्मासिस्ट भी है, और वार्ड बाय रहता है। लेकिन इस समय मरीजों की संख्या बढ़ी है स्टाफ की कमी होने की वजह से संभालना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने बताया कि यह कोत्तुर, तारलागुड़ा, अन्नाराम, चन्दूर, सीतानगरम, दुधेड़ा, भद्राकाली सहित दर्जन भर गांवों के मरीज इलाज कराने आते है।
पीने के पानी की किल्लत, स्टाफ की कमी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तारलागुडा में पीने के पानी की किल्लत और स्टाफ की कमी है वह पदस्थ स्टाफ ने बताया कि यहां पीने के पानी की बहुत किल्लत है, जो पानी बोरिंग से आता है वो पीने योग्य नहीं है बहुत दूषित पानी रहता है। इसलिए भी कई लोग बीमार पड़ रहे है।
बीएमओ डॉ.चलपति राव ने बताया कि यहाँ कोई स्टॉप काम करने नहीं आते दो नर्स यहाँ से अपना स्थानांतरण करवा कर मुख्यालय चली गई है, लोकल स्टॉफ भी वहाँ जाकर काम करने से कतराते है। अभी एक डॉक्टर है।