बीजापुर
मो. इमरान खान
भोपालपटनम, 21 अप्रैल (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। मुख्यालय से 36 किमी दूर नेशनल हाइवे पर बसे तारलागुडा, कोत्तूर गांव में बुखार हाथ पैर में दर्द की शिकायत ने पूरे इलाके को अपने जद में ले लिया है। मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा हो चुकी है।
बुखार हाथ पैर दर्द से पीडि़त मरीज खटिए से नहीं उठ पा रहे है। लगातार यह तकलीफ बढ़ती जा रही है। गांव के कई ग्रामीण इस समस्या से घिरे हुए है। इस बीमारी के चलते एक हफ्ते में दो ग्रामीणों की मौत हुई हैं। ग्रामीणों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है ग्रामीणों ने बताया कि एक के बाद एक को यह समस्या आ रही है पहले हाथ पैर दर्द उसके बाद तेजी से बुखार जकड़ ले रही है। पीडि़त ग्रामीणों का कहना है कि वे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा रहे है, लेकिन कोई खास उपचार नही मिल पा रहा है पिछले पंद्रह दिनों से यह शिकायत है धीरे-धीरे पूरा गांव इसकी चपेट में है। इस अज्ञात बीमारी के चलते गांव में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में स्टॉप भी मरीजों को सहयोग नहीं कर रहा है। वहीं स्टॉप का मरीजों के प्रति रवैया भी ठीक नहीं है। बीमारी से ग्रसित ग्रामीण रोजाना अस्पताल पहुँच रहे है।
अज्ञात बीमारी से एक हफ्ते में दो ग्रामीणों ने तोड़ा दम
एक हफ्ते में अज्ञात बीमारी से दो ग्रामीणों की मौत पर पूरा गांव मातम में पसरा हुआ है 20 वर्ष की छात्रा रजनी यालम को दो दिन पहले बुखार आया था उसका इलाज तारलागुडा के उप स्वास्थ्य केंद्र में चला था, उसके बाद भोपालपटनम लाया गया यह से बीजापुर फिर तेलंगाना रूत्ररू वारंगल ले जाया गया उपचार के दौरान मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया हैं। वही गांव के अधेड़ उम्र के मुत्तेराव देवर चार दिन से बुखार व हाथ पैर में दर्द से जूझ रहे थे रविवार को उनकी मौत हो गई कोत्तूर में एक सप्ताह में दो मौत के बाद मातम पसरा हुआ है।
दो दिन पहले औपचारिकता निभाकर लौट आई
स्वास्थ्य विभाग की टीम
ग्रामीण बुखार हाथ पैर में दर्द की शिकायत से जूझ रहे है। इसकी जानकारी तीन दिन पहले स्वास्थ्य विभाग को मिली सूचना मिलते ही बीएमओ ने ब्लाक मुख्यालय से टीम तैयार कर भेजा गया था विभाग की टीम ने ग्रामीणों के ब्लड सैंपल कि जांच की है, उसमें उन्हें कुछ पता नहीं चला स्वास्थ्य विभाग ने बुखार और दर्द की गोलियां बाटकर वापस लौटी है।
इलाज के लिए तेलंगाना
जा रहे मरीज
मरीजों की तबीयत बिगडऩे से वे तेलंगना का रुख कर रहे है तारलागुडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। फिर भी वह रोजाना 8-10 मरीज एडमिट हो रहे है रोजाना इस बीमारी के मरीज 25 से 30 की ओपीडी आ रही है जिसका इलाज किया जा रहा है। ज्यादा तकलीफ वाले ग्रामीण तेलंगाना जाकर इलाज करवा रहे है।
तारलागुडा अस्पताल में अज्ञात बीमारी के लक्षण वाले एडमिट है मरीज
अस्पताल अज्ञात बीमारी के लक्षण वाले मरीज रोजाना अस्पताल पहुँच रहे हैं शनिवार को किष्ठाबाई दुर्गम, मेघना यालम, यमुना, अंकुश वासम, जरना यालम, रोहिणी यालम, बीआर पाठक, इकनेश एक्का, एडमिड रहे है। वहीं मतदान के दिन शुक्रवार को अमसा वासम, सुप्रिया यालम, समीरा यालम, पदमा यालम, रामबाबू देवर, नम्रता जव्वा, रवना टिंग्गे, विश्वजीत यालम, आरगेल तिपली, आरगेल सतीश एडमिड रहे है।
डेंगू का एक व टाइफाइड
के दो मरीज मिले
कोत्तूर गांव में आरिगेल सतीश डेंगू पॉजिटिव आया है, उसका इलाज तेलंगाना के किसी निजी अस्पताल में चल रहा था,वही इस गांव में कुरसम अमर, विश्वजीत यालम, टाइफाइड पॉजिटिव आए है इनका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।
बीएमओ डॉ. चलपति राव ने बताया कि कोत्तूर गांव का डर-टू-डोर सर्वे करवाया गया है। 125 घरों का सर्वे कर 477 लोगों की जांच की गई है। वहीं 34 लोगों का सैंपल डेंगू टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर भेजा गया है। बीएमओ ने बताया कि वायरल बुखार या चिकनगुनिया हो सकता है जांच के बाद ही पता चल पाएगा।