सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 23 नवंबर। नगर सीमा से सटे ग्राम पुरानडीह में लगातार रिहायशी क्षेत्रों में राइस मिल खुलने से ग्रामीणों में आक्रोश है। स्थानीय ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई बार विरोध किया गया यहां तक की कलेक्टर तक शिकायत की गई। परंतु पहले से जहा स्थापित राइस मिल से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है वहीं अब राइस मिल की संख्या लगातार यहां बढ़ रही है जिससे ग्रामीणों का रहना और मुश्किल होगा।
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष बीड़ी लाल ने भी पुरानडीह में लग रहे राइस मिल के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। गांव के सरपंच संगीता देवी ने भी जिस प्रकार से पुरानडीह में तेजी से राइस मिल खुल रहा है इसे लेकर चिंता व्यक्त की है एवं कहा कि यहां रहना अब हम लोगों के लिए मुश्किल होगा यदि प्रशासन ध्यान नहीं देता है तो।
गौरतलब है कि नगर सीमा से सटे ग्राम पुरानडीह में पहले इक्का-दुक्का ही राइस मिल लगी थी, परंतु वहां लगातार राइस मिल की संख्या बढ़ती जा रही है, वहीं जहां-जहां राइस मिल लगा है उसके अगल-बगल रिहायशी क्षेत्र है वहीं अब जहां नया राइस मिल लग रहा है वहां भी रिहायशी क्षेत्र है ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश है।
राइस मिल गांव में लगाए जाने का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इसके लिये कई बार खुलकर विरोध किया। यहां तक कि कलेक्टर तक को भी आवेदन दिया, परंतु कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में गहरी निराशा है। ग्रामीणों ने राइस मिल गांव में नहीं लगाने एवं जो राइस मिल लगे हैं, उसे वहां से हटाए जाने की मांग की है।
1 वर्ष के अंदर हटे सभी राइस मिल-बीडी लाल गुप्ता
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष बीडी लाल गुप्ता ने कहा कि जो भी यहां राइस मिल लग रहे हैं, उन्हें तत्काल प्रशासन को रोक लगाए जाने क आवश्यकता है, वहीं एक वर्ष के अंदर जितने भी राइस मिल लगे हैं, उन्हें यहां से यदि प्रशासन नहीं हटाती है तो ग्रामीणों के साथ मिलकर बृहद आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
ग्रामीण हो रहे हैं बीमार
एक ओर गरीबी दूसरी और राइस मिल के कारण गरीब बीमार पड़ रहे हैं स्वास से संबंधित बीमारी कई लोग ग्रसित है। जिस प्रकार से तेजी से यहां राइस मिल खुल रहा है, यहां रहना लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगा।
राइस मिल को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है जनप्रतिनिधियों ने जहां गहरी नाराजगी जताई है, वहीं ग्रामीणों का भी आक्रोश कभी भी भडक़ सकता है। समय रहते प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है यदि प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा तो ग्रामीणों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।