महासमुन्द
महासमुंद, 27 नवंबर। नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण एवं श्री शतचण्डी महायज्ञ आज सुबह महायज्ञ में यजमान के रूप में मंदिर समित के सदस्य सुरेश चंद्राकर, गिरजा चंद्राकर ने आहुति अर्पित की। यज्ञाचार्य पं तरूण तिवारी ने बताया कि शत चंडी यज्ञ में भाग लेकर हम अपनी आत्मा को जहां शुद्ध कर रहे हैं वहीं हमें मां भगवती का आशीर्वाद भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यज्ञ कर्म को मनुष्यों एवं देवताओं के परस्पर कल्याण हेतु होना आवश्यक है। क्योंकि देवताओं को भोजन यज्ञ से प्राप्त होता है। देवताओं का प्रसन्न होना ही मानव कल्याण है। इसलिए यज्ञ को अति उत्तम माना जाता है। पं तरूण तिवारी ने कहा कि यज्ञ का आयोजन अपद्रवों के विनाश के लिए, विश्व शांति एवं कल्याण हेतु महाचंडी यज्ञ का विशेष महत्व है। इस अवसर पर ग्रामीणों सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने धार्मिक लाभ लिया। श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिन धार्मिक, पर्यटन नगरी खल्लारी में माता राऊर प्रांगण में पं अरूण नयन तिवारी ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को देवी भागवत की महिमा का वर्णन किया और संगीत मय आयोजन का श्रद्धालुओं ने काफी आनंद लिया।