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नवाचारों की सार्थकता परखने महासमुंद के स्कूलों में शुरू हो रहा सुघ्घर पढ़वईया योजना
02-Dec-2022 3:24 PM
 नवाचारों की सार्थकता परखने महासमुंद के  स्कूलों में शुरू हो रहा सुघ्घर पढ़वईया योजना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,2 दिसम्बर।
महासमुंद जिले में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सुघ्घर पढ़वईया नामक नई योजना की शुरूआत की जा रही है। इसके अंतर्गत स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे अन्य शिक्षक भी अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।मालूम हो कि जिले के अनेक शिक्षक कई तरह के नवाचार करते रहे हैं। ऐसे शिक्षकों को प्रोत्साहित करने उनके नवाचारों की उपयोगिता की सार्थकता परखने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों के द्वारा कक्षा अनुरूप,अकादमिक कौशल प्राप्त कर लेने को ही एक शिक्षक के द्वारा अच्छा पढऩे की संज्ञा दी गई है। कहा जा रहा है कि यह योजना एक शिक्षक के द्वारा अच्छा पढ़ाने की उपयोगिता होगी और उसे ही सुघ्घर पढ़वईया नाम दिया जाएगा।
विभागीय जानकारी अनुसार यह योजना राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिए है। योजना में शामिल होने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। स्कूल के शिक्षक आपस में चर्चा कर कभी भी इस योजना में शामिल हो सकते हैं। सभी शिक्षक अपने प्रयास से सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। स्कूलों के सभी शिक्षकों को साथ लेकर स्कूल के सभी विद्यार्थियों में अकादमिक कौशल विकसित करने का यह बढिय़ा प्रयास है। 
इसके लिए प्रमाण-पत्र की पात्रता शिक्षकों को तभी होगी जब पूरा स्कूल प्रमाण-पत्र के लिए पात्र हो। किसी एक शिक्षक, एक विद्यार्थी या एक कक्षा के लिए प्रमाण-पत्र नहीं होगा। यदि कोई स्कूल सुघ्घर पढ़वईया सिल्वर या गोल्ड प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेता है, तो वह स्कूल आगे और प्रायास करके सुघ्घर पढ़वईया, गोल्ड या सुघ्घर पढ़वईया, प्लेटिनम प्रमाण-पत्र भी प्राप्त कर सकता है। 
जिला शिक्षा अधिाकरी श्रीमती एस चंद्रसेन के मुताबिक इस योजना में निरंतर प्रगति करने का प्रयास होगा। जो स्कूल योजना में शामिल होंगे उन्हें लक्ष्य प्राप्ति के लिये अनुरोध करने पर ऑन डिमांड प्रशिक्षण तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जिन संकुलों के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया संकुल का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। 
इसी प्रकार जिस विकासखंड के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूल सुघ्घर पढ़वईया, प्लेटिनम, गोल्ड या सिल्वर, किसी भी स्तर का प्रमाण-पत्र प्राप्त कर लेंगे, उन्हें सुघ्घर पढ़वईया विकास खंड का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इस योजना में शामिल स्कूल जब स्व आंकलन से संतुष्ट होने पर उनके सभी विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल विकसित हो गए हैं।
 तो वे वेब पोर्टल पर थर्ड पार्टी आंकलन के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इसके बाद संचालक लोक शिक्षण इन स्कूलों के थर्ड पार्टी आंकलन में लिए किसी अन्य विकासखंड के शिक्षकों का एक दल बनाएगा। संचालक लोक शिक्षण द्वारा बनाया गया दल संबंधित स्कूल के साथ समन्वय करके थर्ड पार्टी आंकलन के लिए तिथि निश्चित करेगा और निश्चित तिथि को उस स्कूल में जाकर उसका आंकलन करेगा। 
थर्ड पार्टी आंकलन में सर्वप्रथम दर्ज संख्या के विरुद्ध उपस्थिति देखी जाएगी। स्कूल के सभी विद्यार्थियों का आंकलन योजना के लिए स्वीकार किए गए समस्त अकादमिक कौशलों के लिए किया जाएगा और कम से कम 95 प्रतिशत विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल होने पर ही उस कक्षा के लिए और उस अकादमिक कौशल के लिए स्कूल को एक अंक मिलेगा। इसमें 95 प्रतिशत से कम विद्यार्थियों में कक्षा अनुरूप न्यूनतम अकादमिक कौशल मिलने पर उस कक्षा और अकादमिक कौशल के लिये शून्य अंक मिलेगा। इस प्रकार स्कूल की समस्त कक्षाओं के लिए समस्त अकादमिक कौशलों हेतु प्राप्तांकों के आधार पर स्कूल का प्रमाणीकरण किया जायेगा। 
इसमें 90 प्रतिशत या उससे अधिक अंक मिलने पर सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम 85 प्रतिशत या उससे अधिक परंतु 90 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर सुघ्घर पढ़वईया गोल्ड और 80 प्रतिशत या उससे अधिक परंतु 85 प्रतिशत से कम अंक मिलने पर सुघ्घर पढंवईया सिल्वर का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। 
इसके प्रमाणीकरण की घोषणा थर्ड पार्टी आंकलन के तत्काल बाद वेब पोर्टल पर की जाएगी और प्रमाण पत्र स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोहपूर्वक प्रदान किया जायेगा। सुघ्घर पढ़वईया प्लेटिनम पाने वाले स्कूलों को एक लाख रुपए, सुघ्घर पढ़वईया गोल्ड पाने वाले स्कूलों को 50 हजार, सुघ्घर पढ़वईया सिल्वर पाने वाले स्कूलों को 25 हजार रुपए स्कूल के विकास के लिये अनटाइड फंड के रूप में दिए जाएंगे। जिसका उपयोग स्कूल के शिक्षक पालक समिति की सहमति से स्कूल के विकास के किसी भी कार्य में कर सकेंगे। 
विभाग के पोर्टल पर कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के लिए न्यूनतम अकादमिक कौशल के मापदंड उपलब्ध हैं।  इस योजना में जो स्कूल शामिल होना चाहते हैं, वे स्कूल के सभी शिक्षकों की बैठक में निर्णय लेकर वेब पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशल विकसित करने के लिए पैडॉगाजी, प्रशिक्षण, टी एल एम आदि के संसाधन उपलब्ध होंगे। पोर्टल में अन्य स्कूलों द्वारा किए गए नावाचारों की जानकारी भी होगी और प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर के स्कूलों की केस स्टडी भी होंगी। पोर्टल पर कक्षा अनुरूप अकादमिक कौशलों का स्व:. आंकलन करने का टूल भी उपलब्ध होगा जिसका उपयोग करके शिक्षक अपने स्कूल की प्रगति का स्व आंकलन कर सकेंगे।

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