रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 दिसंबर। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में मुलाकात की। फेडरेशन ने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप चार स्तरीय वेतनमान देने,शासकीय कर्मचारी अधिकारियों के लिए अधिकृत छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर के अस्पतालों की संख्या में कटौती न करने में , इंटर्न मेडिकल चिकित्सकों का स्टाइपेंड 12500 से बढाकर 29000 करने, एचआरए, नियमितीकरण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान फेडरेशन के कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष पंकज पांडे, एवं राज्य कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री अश्वनी चेलक सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
एक मांग यह भी-छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारियों अधिकारियों, आप सभी को यह जानकारी है कि राज्य निर्माण के बाद इन 22 वर्षों में किसी भी शासकीय सेवक ने एल टी सी की सुविधा शायद ही ली गई हो, और शायद किसी के ध्यान में भी यह बात नहीं आई हो। मेरा विचार है कि प्रदेश की सीमा को देखते हुए यदि शासकीय सेवकों को एल टी सी की सुविधा के रूप में भारत भ्रमण की सुविधा प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल में प्रदान करने के लिए मांग की जाए। पूर्व अध्यक्ष पी आर ठाकुर ने बताया कि बहुत पुरानी मांग है। पूर्व पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कुछ बात आगे बढ़ाया थी और छत्तीसगढ़ पर्यटन के लिए कुछ आदेश भी जारी हुए थे। अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर एलटीसी के मुद्दे को जोरशोर से उठाया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव को पत्र
राज्य सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के इलाज के लिए चिन्हित अस्पतालों की सूची में कटौती कर दी है। पिछले दिनों जो राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है, उसमें राज्य के बाहर के अस्पतालों में सिर्फ तीन अस्पतालों के ही नाम थे, जबकि 2021 की लिस्ट में शासकीय कर्मचारियों को जो इलाज की सुविधा मिली थी, उनमें 40 अस्पतालों के नाम शामिल थे। अब कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने इस मामले पर आपत्ति दर्ज करायी है। प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि राज्य के बाहर के सिर्फ 3 अस्पतालों को मान्यता दिये जाने से पूर्व के निर्देशानुसार अन्य अस्पतालों में इलाज करा रहे शासकीय कर्मचारी और भविष्य में उच्च श्रेणी के अस्पतालों में जाकर इलाज करवाने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ जायेगी।