रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जनवरी। बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा पर आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूंपेंण्डीं ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जिस प्रकार 76च् आरक्षण व्यवस्था लागू किया गया है। लेकिन वास्तविक लाभ अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग को नहीं मिला। इसी प्रकार नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई। प्रदेश के कर्मचारियों के 18 वर्ष के जमा राशि डूबत खाते में चले गए । वास्तविक लाभ दोनों घोषणाओं से नहीं मिला। केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर कर्मचारियों व नागरिकों को छला गया।
उन्होंने कहा कि अब यही स्थिति बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने में होगी। कुल मिलाकर प्रदेश की जनता से किए जा रहे छलावा को प्रदेश के मतदाता समझ रहे हैं तथा वर्ष 2023 के आम चुनाव में छत्तीसगढ़ सरकार को वास्तविकता का अहसास कराएंगे। क्योंकि सरकार के पास तीन प्रकार के आंकड़े हैं तथा रोजगार कार्यालय में पंजीयन नहीं के बराबर है। जिनका पंजीयन हुआ था वह भी समय सीमा समाप्त होने तथा उन पंजीयन कराने में ऑनलाइन कठिनाइयों को देखते हुए यह घोषणा व वास्तविक बेरोजगारों को मिलने वाला लाभ भ्रम की स्थिति स्थिति में हैं।
यदि आगामी चुनाव में सरकार किसी अन्य की बनेगी तो वे भी पल्ला झाडऩे से पीछे नहीं हटेंगे, ऐसी संभावना है। मुन्ना बिसेन, सूरज उपाध्याय, दुर्गा झा, उत्तम जायसवाल, केएस नायडू, एम एस हैदरी, डॉ शिवनारायण द्विवेदी, जसवीर सिंह, प्रियंका शुक्ला, वीरेंद्र पवार, नरेंद्र ठाकुर, कलावती मार्को, विजयलक्ष्मी तिवारी, संतोष कुशवाहा, धीरज ताम्रकार, मुकेश देवांगन, नीरज चंद्राकर, पुष्पेंद्र परिहार अधिवक्ता, एम एल टंडन अधिवक्ता, परविंदर सिंह पन्नू, सीएल दुबे, प्रकाश ठाकुर, आदि नेताओं ने प्रदेश प्रदेश के सभी बेरोजगारों को चुनावी घोषणा पत्र में घोषित किए गए तिथि से साडे 4 वर्ष का बेरोजगारी भत्ता में ब्याज भुगतान करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से की है।