बस्तर
कांग्रेस सरकार के आखिरी बजट में बस्तर की पूरी तरह उपेक्षा, विकास कार्य महज कागजों पर
छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 11 मार्च। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने चार साल के कुशासन में छत्तीसगढ़ की जनता को सिर्फ छला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा उनके शासनकाल का पेश किया गया अंतिम बजट निराशा को ही बढ़ाता है। बस्तर के संदर्भ में राज्य शासन के आखिऱी बजट में कुछ भी नहीं है। आदिवासियों से बैर रखने वाली कांग्रेस सरकार ने अपने अंतिम बजट में आदिवासी वर्ग की न कोई चिंता की है, न ही कोई योजना लायी है। यह आदिवासियों के हितैषी होने का झूठा दंभ भरने वाली कांग्रेस सरकार का असली चेहरा है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों में कांग्रेस के ही विधायक है, जिनमें मोहन मरकाम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष है। इसके बाद भी भूपेश सरकार के बजट में बस्तर की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है।
मौजूदा समय में बस्तर की स्वास्थ्य सुविधायें वेंटिलेटर पर है। दूरस्थ कोंटा क्षेत्र में 60 से अधिक आदिवासी ग्रामीण अज्ञात बीमारी से काल का ग्रास बने, पिछले वर्ष बस्तर जिले में डेंगू के कहर से दर्जनों मौतें हुई, दस हजार से अधिक लोग डेंगू के दंश से पीडि़त रहे। इन सभी कठिनाईयों को देखने के बाद भी बस्तर की बेहतरी के लिये कांग्रेस सरकार के बजट की झोली खाली रही। इससे ही कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम व बस्तर के कांग्रेसी विधायकों का वजऩ स्पष्ट हो जाता है।
केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में वनोपज तेंदू पत्ता की खरीदी में अनियमितता है, शिक्षा का हाल बेहाल है, विकास कार्य के नाम पर पुराने कार्यों में लीपापोती कर इतिश्री की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बजट चुनाव आधारित बजट है, जिसमें सिर्फ कोरी घोषणायें है और कुछ भी नहीं। मुख्यमंत्री यह बतायें कि चार साल के कार्यकाल में जो 36 वादे पूरे नहीं कर पाये, वो 6 महीने में कैसे पूर्ण होंगे।
झूठे वायदों की भी सीमा होती है।