महासमुन्द

नदी के रेत में तैयार खरबूज, तरबूज, ककड़ी, खीरा, कद्दू बर्बाद
22-Mar-2023 2:35 PM
नदी के रेत में तैयार खरबूज, तरबूज,  ककड़ी, खीरा, कद्दू  बर्बाद

 मटर, टमाटर, पपीता, सूरजमुखी, बैगन, गोभी, चना, सरसों को भी नुकसान  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,22मार्च। कल दिन भर मौसम खुशगवार रहा और शाम ढलते हल्की बारिश हुई। आज सुबह से मौसम साफ है। इस बारिश से तापमान में गिरावट हुई है। इस बारिश से नदी की रेत पर खेती करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है। रेत में तैयार फसल खरबूज, तरबूज, ककड़ी, खीरा, कद्दू आदि की फसल बर्बाद हुई है। वहीं खेतों में बोये गए मटर, टमाटर, पपीता, सूरजमुखी, बैगन, गोभी, चना, सरसों, आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बारिश से आम को भी काफी नुकसान की संभावना है।

बीते तीन चार दिनों से अचानक मौसम बदला है। इस वक्त मैदान में चारों तरफ सावन की तरह नजारा दिखाई दे रहा है। हर साल मार्च माह के अंतिम दिनों और चैत्र का एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद जिस तरह गर्मी का रूप देखने को मिलता है, वह इस वर्ष अचानक गायब हो गया है। आंधी बारिश के बाद अब बचे हुए फसल पर कीट प्रकोप का खतरा मंडरा रहा है।

जिला मुख्यालय के अलावा बसना क्षेत्र में तिलहनी फसलों पर भी बारिश की मार पड़ी है। उद्यानिकी विभाग ने सब्जी उत्पादकों को बीमा क्लेम करने के लिए सलाह दी है। मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिले में 12 हजार 450 हेक्टेयर में फल तथा 19159 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती की जा रही है। अचानक बंगाल की खाड़ी से आई नमी युक्त हवा की वजह से जिले में पिछले 3 दिनों से मौसम खराब है। इसलिये बारिश हो रही है बारिश और अंधड़ की वजह से जहां आम की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं पत्तेदार सब्जियां बारिश की वजह से सडऩे लगी है। आम की फसल में बौर लगने के बाद फल लगना शुरू ही हुआ था कि बारिश की मार पड़ गई। कुछ किसान इस बारिश को गेंहू की खेती के लिए फायदेमंद बताते हैं। लेकिन खेतों में पानी जमा होने के कारण गेंहू भी पीला पडऩे की संभावना है। आलू की तैयार खेती को काफी नुकसान पहुंचा है।

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