महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 मार्च। शादी का झांसा देकर नाबालिग को भगाकर ले जाने और रेप के मामले में दोष सिद्ध होने पर लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने ग्राम अर्जुनी निवासी 23 वर्षीय सोनूराम ध्रुव उर्फ दीपक को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। इसी तरह धारा 363 भादस के तहत 5 वर्ष सश्रम व एक हजार रुपए व धारा 366 भादसं के तहत 7 वर्ष के सश्रम कारावास व 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड की राशि नहीं पटाने पर क्रमश: एक व दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। अभियोजन के अनुसार पिथौरा थाने में प्रार्थी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 9 जुलाई 2022 को उसकी नाबालिग पुत्री स्कूल जाने के लिए निकली थी, जो वापस घर नहीं आई। आसपास पता करने पर नहीं मिली। प्रार्थी ने शंका जाहिर की थी कि उसकी पुत्री को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। इस पर धारा 363 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
नाबालिग की बरामदगी उपरांत उन्होंने बताया कि पिथौरा थाना क्षेत्र के ग्राम अर्जुनी निवासी 23 वर्षीय सोनूराम ध्रुव उर्फ दीपक से उसका प्रेम संबंध हो गया था। दोनों के बीच फोन से बात होती थी। इसी बीच उक्त युवक ने देवधारा के जंगल में ले जाकर रेप भी किया था।
घटना दिवस को मोटरसाइकिल से राजनांदगांव ले जाकर किराए के मकान में रखा और शादी का प्रलोभन देकर संबंध स्थापित करता रहा। आरोप दोष सिद्ध होने पर उसे सजाएं सुनाई गई। अभियोजन की ओर अतिरिक्त लोक अभियोजक सलीम कुरैशी ने पैरवी की।