रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मार्च। चिकित्सा शिक्षा से संबंधित महाविद्यालयों को निजी विश्वविद्यालयों को सौंपे जाने को लेकर किसी भी तरह के संशोधन को संचालक चिकित्सा शिक्षा ने खारिज किया है। उई सचिव चिकित्सा शिक्षा, मंत्री स्वास्थ्य को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसा करने से चिकित्सा शिक्षा का व्यवसायीकरण हो जाएगा जिससे आम जनता प्रभावित होगी।डीएमई ने अपने पत्र में कहा है कि 20 मार्च को आयुष विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड की 30 वी बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार निजी विश्वविद्यालयों द्वारा चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रारंभ किये जाने के परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2008 में मध्यप्रदेश में प्रचलित प्रावधान अनुसार संशोधन न किये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से किया गया।
इसे दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा चिकित्सा शिक्षा से संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु निरंतर उल्लेखनीय निर्णय लिये जा रहे है, जिसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुआ है एवं आयुष विश्वविद्यालय द्वारा उक्त कार्य का क्रियान्वयन निर्विवाद रूप से किया जा रहा है। यदि चिकित्सा शिक्षा से संबंधित महाविद्यालयों को निजी विश्वविद्यालयों को सौंपा जाता है तो चिकित्सा शिक्षा का व्यवसायिकरण हो जाएगा जिससे आम जनता प्रभावित होगी।