बलौदा बाजार

एक्स्ट्रा क्लास नहीं लगाने के बाद भी राशि आहरण, जांच
02-Apr-2023 8:48 PM
एक्स्ट्रा क्लास नहीं लगाने के बाद  भी राशि आहरण, जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 2 अप्रैल।
जिले के सरकारी मिडिल हाई और हाई सेकेडरी स्कूलों में 3 महीने की एक्स्ट्रा क्लास लगाई गई, जिसकी जानकारी किसी भी छात्र-छात्राओं को नहीं थी, पर अब इसके नाम पर शिक्षक और व्याख्याताओं के भुगतान के लिए दो करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी कर दी गई है।

 दरअसल, कोरोनाकाल के दौरान 2 साल सरकारी स्कूल बंद रहे, इससे बच्चों की पढ़ाई का स्तर कमजोर हो गया। इसलिए सरकार ने एक्स्ट्रा क्लास लगाने के निर्देश दिए जो कि स्कूल समय के पहले और बाद में लगानी थी। लेकिन अधिकांश शिक्षकों ने इसका पालन ही नहीं किया, मतलब एक्स्ट्रा क्लास नहीं लगाई। इधर, अब उपचारात्मक शिक्षक और एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर जिले के शिक्षकों को भुगतान के लिए 2 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी कर दी गई है। जिसमें बंदरबांट के आरोप लग रहे हंै। 

दरअसल, मिडिल हाई और हाई सेकेंडरी के स्टूडेंट के लिए नवंबर, दिसंबर और जनवरी एक्स्ट्रा क्लास लगाएं लगाई जानी थी, जिसमें प्रति छात्र व्याख्याता और शिक्षकों को 150 माह के हिसाब से 3 माह का भुगतान किया जाना था, हालांकि एक्स्ट्रा क्लास का कोई रिकॉर्ड नहीं है फिर भी इसके बावजूद भुगतान किया जा रहा है।

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव ने कहा कि उपचारात्मक शिक्षा के नाम पर मिली राशि एक्स्ट्रा क्लास लगाने वाले शिक्षकों को भुगतान करने के लिए संकुल प्राचार्य के अकाउंट में जारी की गई है। कुछ संकुलों में एक्स्ट्रा क्लास नहीं लगाए जाने के बावजूद राशि आहरण किए जाने की शिकायतें मिली है। इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। गलत भुगतान करने पर संबंधित प्राचार्य और संकुल समन्वयक जिम्मेदार होंगे। उन्हें भुगतान के बाद शिक्षकों की रिसीविंग भी भेजने के लिए कहा गया है।
कोरोनाकाल में बिगड़ी पढ़ाई को सुधारने की उपचारात्मक शिक्षा के तहत राशि जारी की गई। आरोप है कि गिनती के शिक्षकों ने कुछ दिनों की क्लास ली। प्रति छात्र 150 प्रति माह के हिसाब से शिक्षक 3 महीने का भुगतान ले रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में गिनती के शिक्षकों ने ही 3 माह नहीं बल्कि कुछ दिन ही एक्स्ट्रा क्लास लगाई। जबकि अधिकांश शिक्षकों ने बच्चों को 1 दिन भी पढ़ाना उचित नहीं समझा। दरअसल शिक्षकों में सोचा नहीं था कि इसके लिए इतना फंड आएगा। इसलिए किसी ने अतिरिक्त कक्षा लगाने की तरफ ध्यान ही नहीं दिया।

ऑनलाइन पेमेंट की जगह नगद भुगतान 
जिले में 191 संकुल है। प्रत्येक संकुल के स्टूडेंट की एक्स्ट्रा क्लास लेने के लिए 2 से ढाई लाख रुपए जारी किए गए हैं। इसमें संकुल केंद्र कहोरद,मरदा, तुरमा, सीरियाडीह, नवापारा, डमरु, कसडोल, पलारी, पैजनी सहित कई स्कूलों में राशि जारी कर दी गई है। राशि का भुगतान ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से किया जाना था। लेकिन नगद भुगतान हो रहा है।

एक्स्ट्रा क्लास में दर्शाई गई ज्यादा उपस्थिति 
वैसे देखा जाए तो जुलाई और अगस्त माह में स्कूलों की जो दर्ज संख्या रही है उसमें नवंबर दिसंबर तक 15 से 20त्न की गिरावट आ जाती है इसके कई कारण हैं। गांव के स्कूलों में पढऩे वाले अधिकांश बच्चों के माता-पिता पलायन कर जाते हैं जिसकी वजह से कमाने खाने गए पालक भी अपने बच्चों की पढ़ाई छोड़ वाकर बच्चों को भी अपने साथ ले जाते हैं। ऐसे में एक तो क्लास लगी ही नहीं हैं और जो भुगतान किया गया है वह भी जुलाई अगस्त माह के दर्ज संख्या के आधार पर किया गया है। वहीं कक्षा आठवीं से लेकर 12वीं तक सभी बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते ही नहीं हैं। कई बच्चे घर पर रहकर तैयारी करते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि एक्स्ट्रा क्लास में सभी की उपस्थिति बनाकर संकुल प्राचार्य संकुल समन्वयक व्याख्याता और शिक्षकों को राशि जारी की जा रही है। स्कूल के हाजिरी रजिस्टर से इसका मिलान करने पर ही पूरी गड़बड़ी सामने आ सकती है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news