बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 5 अप्रैल। बलौदाबाजार शासकीय दाउ कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ के दानवीर तरेंगा के ताहूतदर दाउ कल्याण सिंह की 147 वी जयंती पूर्ण गरिमा के साथ मनाई गई।
बलौदाबाजार अग्रवाल समाज एवम दाउ कल्याण सिंह जयंती समिति के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय प्रांगण में स्थापित दाउ कल्याण सिंग की मूर्ति के समक्ष आयोजित समारोह में समाज के संरक्षक रामगोपाल अग्रवाल ने दाउ का जीवन वृत्तांत प्रस्तुत करते हुए उनके द्वारा देश प्रदेश में किये गए योगदान को बताया।
उन्होंने बताया कि किस तरह 84 गांव में स्थित उनकी जमीन जायजाद का उन्होंने बुद्धिमता पूर्वक प्रबंधन कर अपने पिता द्वारा गिरवी रखी जमीन को छुड़ाया और 1937 में 70 हजार रुपये राजस्व पटा कर्ज मुक्त हुए। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने सभी धर्मों के बीच बिना किसी भेदभाव के यथोचित दान दिया। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ शासन ने उनके सम्मान में 4 अप्रैल को दानशीलता दिवस घोषित किया है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. जेम्स ने भी दान को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि दानवीर से ऊपर और कुछ भी नहीं है और ऐसे महापुरुष जिन्हें दानवीर के अलंकरण से सुशोभित किया गया है, शताब्दि में बिरले ही पैदा होते हैं। सभा को पूर्व प्राचार्य डॉ. जय नारायण केशरवानी, प्रो एस एम पाध्ये, डॉ. अशोक उपाध्याय व बलौदाबाजार अग्रवाल समाज के अध्यक्ष देवीदास अग्रवाल ने भी संबोधित किया। समाज के वरिष्ठ सदस्य अक्षर अग्रवाल ने आभार प्रदर्शित किया।
प्रो एस एम पाध्ये के प्रस्ताव पर महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर सभी संकाय में सर्वोच्च अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थी को दाउ कल्याणसिंह प्रोत्साहन राशि से पुरस्कृत करने पर प्राचार्य ने सहमति दी।
इस अवसर पर समाज के सभी महिला सदस्य,पुरुष सदस्य,महाविद्याल स्टाफ उपस्थित था। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. उमाकांत मिश्र ने किया।