बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 5 अप्रैल। शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों में कौशल का विकास कर उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने वाले जिला मुख्यालय के लाइवलीहुड कॉलेज के अस्तित्व पर ही संकट का बादल मंडरा रहा है। कॉलेज के संचालन हेतु पर्याप्त स्टाफ व बजट उपलब्ध नहीं होने के चलते प्रशिक्षण का कार्य भी औपचारिक बनकर रह गया है। इसके चलते सीमेंट संयंत्रों से समृद्ध जिले के युवक-युवतियों इस कॉलेज से मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं। कॉलेज में लगातार प्रशिक्षुओं की कम संख्या को देखते हुए जिला मुख्यालय वासियों ने जिला में स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय का संचालन लाइवलीहुड कॉलेज में किए जाने की मांग सांसद सुनील सोनी एवं जिला प्रशासन से की गई है।
गौरतलब है कि बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सकरी को एजुकेशन हब का दर्जा प्राप्त है। यहां मई 2018 में 37.74 लाख की लागत से लाइवलीहुड कॉलेज के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री ने किया था। इस भवन की भव्यता को देखकर निश्चित ही जिले के युवक-युवतियों ने इस बात की आशा जागी थी कि विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित योजनाओं में कौशल विकास हेतु उन्हें प्रशिक्षण सुलभ हो सकेगा, परंतु इसे विभाग द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार में कमी कहे या युवाओं की प्रशिक्षण के प्रति अरुचि वर्तमान में इतने बड़े परिसर में महज 20 अभ्यार्थी कंप्यूटर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण हेतु कॉलेज संचालन हेतु पर्याप्त बजट का आवंटन भी नहीं किया जा रहा है। जिससे वर्तमान में यह योजना जिले में हांफती हुई नजर आ रही है।
जिला कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा जून 2022 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित जिले के विभिन्न ग्रामों के आजा वर्ग के युवाओं से निशुल्क आवासी कौशल प्रशिक्षण के लिए 25 जुलाई 2022 तक आवेदन आमंत्रित किया गया था। इसके तहत कॉलेज में संचालित असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिकल डोमेस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर, सेल्फ एंप्लॉयड व सेंपलिंग टेलर आदि से संबंधित कोर्स में पूर्णता निशुल्क आवासी कौशल प्रशिक्षण दिए जाने की बात कहा गया था परंतु यह प्रशिक्षण का कार्य भी संपन्न नहीं हो सका। लाइवलीहुड कॉलेज परिसर में ही 77.44 लाख की लागत से 50 सीटर बालिका छात्रावास भवन अधीक्षका सह चौकी आवास गृह का लोकार्पण सितंबर 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। लोकार्पण के पश्चात से ही यह भवन बंद पड़ा हुआ है और देखरेख के अभाव में जर्जर होता जा रहा है। भवन के दरवाजे सड़ रहे हैं। खिडक़ी के कांच प्रसाधन कक्ष के नल, टाइम्स, विद्युतीकरण कार्य भी बंद पड़े पड़े कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं।
इस संबंध में सहायक संचालक जिला कौशल विकास प्राधिकरण अनिल प्रधान से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि शासन द्वारा पर्याप्त बजट आवंटन का अभाव अभ्यर्थियों में योजना के प्रति अरुचि के चलते अभ्यर्थियों की संख्या कॉलेज में कम है। सत्र 2022 23 में केवल 120 अभ्यार्थियों के प्रशिक्षण हेतु ही अनुमति व बजट प्राप्त हुआ था। 2023 24 में 400 अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। जिससे नए सत्र से लॉजिस्टिक पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो सकेगा। वर्तमान में संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कंप्यूटर ऑपरेटर, सिलाई सॉफ्ट किपर आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। कॉलेज में स्टाफ की कमी होने की बात उन्होंने कही है।