रायपुर
![कोर ग्रुप के नाम तय, चुनाव समितियों का गठन भी जल्द कोर ग्रुप के नाम तय, चुनाव समितियों का गठन भी जल्द](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1681809280jp_offish.jpg)
शाह-नड्डा के साथ बैठक कर अरूण-अजय और साय लौटे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 अप्रैल। आलाकमान के बुलावे पर आनन फानन में सोमवार को दिल्ली गए प्रदेश भाजपा के तीन दिग्गज नेता शाम को वापस लौट आए हैं। इनमें प्रदेश अध्यक्ष अरुण साल, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रदेश महामंत्री पवन साय शामिल हैं। सुबह ही आए बुलावे पर पार्टी हलकों मेंं चर्चाएँ शुरू हो गई थीं। इनमें से एक सूत्र के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ करीब एक घंटे बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी ओम माथूर, सहप्रभारी नितिन नवीन भी शामिल हुए।
इस दौरान प्रदेश संगठन में बदलाव समेत अन्य सामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई । नड्डा ने कोर ग्रुप के पुनर्गठन को लगभग तैयार कर दिया है। इसकी घोषणा जल्द कर दी जाएगी ।कोर ग्रुप में स्थान न पाने वाले नेताओं को टिकट तय करने वाली चुनाव समिति, चुनाव अभियान समिति , संकल्प पत्र समिति में शामिल किया जा रहा है। बैठक में इन समितियों पर भी चर्चा और नाम भी तय कर लिए गए।
सूत्रों के मुताबिक बैठक में कवर्धा, नारायणपुर,बिरनपुर हिंसा और राजनीतिक स्थिति भी चर्चा की गई। और यह तय किया गया कि धर्मांतरण के मामलों के सामने आने पर और अधिक आक्रामक रूख अपनाया जाए। इसी तरह से तेंदूपत्ता खरीदी नीति को लेकर भी चर्चा हुई। यह भी बताया गया है कि कर्नाटक चुनाव के तुरंत पीएम मोदी समेत केंद्रीय मंत्रियों और संगठन के बड़े नेताओं के दौरे होंगे। मोदी का 12-15 मई के बीच भिलाई और जांजगीर का दौरा प्रस्तावित है। बारिश के पहले पार्टी ग्राउंड वर्क पूरा कर लेने के रोड मैप पर काम कर रही।
इधर बैस के लिए संघ का दबाव
इन तीनों को ऐसे समय अकस्मात् दिल्ली बुलाया गया जब तीन -चार दिन पूर्व महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस की पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी। बैस की प्रदेश की राजनीति में वापसी की खबरें भी चल रहीं हैं। उन्हें, सीएम बघेल के मुकाबले कुर्मी चेहरा माना जा रहा है। बैस की सक्रिय राजनीति में वापसी के लिए आरएसएस का भी दबाव बढ़ रहा है । हर बार रिकार्ड वोटो से जीत दर्ज करने वाले आठ बार के सांसद हैं बैस। उन्होंने, एक संसदीय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे सीएम बघेल को लाख मतों के अंतर से पराजित किया था । बैस या बैस परिवार संघ की पहली पसंद भी हैं। संकेत है कि महाराष्ट्र में नया राज्यपाल नियुक्त कर बैस को प्रदेश में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। बैस की पिछले सप्ताह दिल्ली आकर पीएम मोदी से हुई मुलाकात को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। बैस 4 मई को रायपुर आ रहे हैं ।उनके गृह ग्राम गोढ़ी में पारिवारिक आयोजन है। इस दौरान वे 3-4 यहां रहेंगे ।