रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 18 अप्रैल। देश में अप्रैल माह में ही भीषण गर्मी पढ़ रही है। बहुत से राज्य और छत्तीसगढ़ प्रदेश भी लू की चपेट में है। सडक़े गर्म तवे की जैसे जल रही है।
गर्म हवाएं चल रही है। लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। उपर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण तथा स्कूलों तथा हास्टलों में कोरोना के मामले लगातार सामने आने के कारण स्कूल आने वाले छात्र व अभिभावक डर के साये में सहमे हुए हैं। इन सभी विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए अब रायगढ़ सहित पूरे प्रदेश में स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग भी उठने लगी है।
पूरे प्रदेश सहित रायगढ़ जिले में पिछले कुछ दिनों के दौरान भीषण गर्मी अपने चरम पर पहुंचने को आतुर है, सुबह दस बजे से लेकर शाम 6 बजे तक गर्म हवा व लू के थपेड़ो के चलते सडक़ आग उगल रही है। ऐसे में स्कूली बच्चों का बुरा हाल है इस भीषण गर्मी में स्कूल संचालित हो रही है और बच्चों को मजबूरी में स्कूल जाना पड़ रहा है। जिससे बच्चे बीमार पड़ रहे है पालक भी परेशान है।
भीषण गर्मी और लू के साथ-साथ स्कूलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए अब सोशल मीडिया में अभिभावक और अन्य संवेदनशील लोग स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग उठाने लगे हैं। सोशल मीडिया में यहां तक लिखा जा रहा है कि इस मामले में जिला प्रशासन और राज्य सरकार जहां निष्ठुर बना हुआ है, वहीं विभागीय रवैया भी उदासीन है। जिसका भुगतान भविष्य में स्कूल आने वाले बच्चों को उठाना पड सकता है।
युवा सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश निगानिया ने सोशल मीडिया में इस भीषण गर्मी को देखते हुए। प्रदेश के मुख्यमंत्री और रायगढ़ कलेक्टर से निवेदन किया है कि स्कूल सुबह 11 बजे तक संचालित हो व नर्सरी से लेकर 8वीं तक छोटे बच्चों की छुट्टी हो। सभी को खासी, बुखार आदि बीमारी गर्मी के कारण हो रही है। अस्पतालों और दवाखानों में मरीजों की भीड़ हो रही है। ऐसे में जब प्रदेश लू की चपेट में है और कोरोना भी फिर से अपने पैर पसार रहा है तत्काल कोई ठोस और कारगर कदम उठाया जाना अति आवश्यक हो गया है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रदेश शासन और रायगढ़ जिला प्रशासन रायगढ़ से आग्रह किया है कि बच्चो के स्वस्थ्य के मद्देनजर कोई ठोस निर्णय लिया जाना चईये जिससे इस भीषण गर्मी में बच्चो और उनके अभिभावकों को राहत मिल सके।
गौरतलब रहे कि पिछले दिनों ही गर्मी के बढते प्रकोप को देखते हुए जिलाधीश के निर्देश पर शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल के समय में परिवर्तन करते हुए सुबह से पूर्वान्ह 11:30 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था, जिसे लू के थपेड़ो को देखते हुए अब सुबह दस बजे तक कर दिया गया है। मगर इसके बावजूद अभिभावक संगठन और सोशल मीडिया में एक्टिव लोग स्कूलों को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग कर रहे हैं और फेसबुक वास्ट्एप गु्रप में अपने विचार रख रहे हैं।