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केबीसी के नाम पर 25 लाख के ईनाम का झांसा दे ठगी, 7 अंतरराज्यीय आरोपी गिरफ्तार
23-Apr-2023 12:41 PM
केबीसी के नाम पर 25 लाख के ईनाम का झांसा दे ठगी, 7 अंतरराज्यीय आरोपी गिरफ्तार

पकिस्तान कनेक्शन भी आया सामने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अंबिकापुर,22 अप्रैल। केबीसी के नाम पर 25 लाख के ईनाम का झांसा देकर ठगी करने एवं आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में साइबर सेल एवं विशेष पुलिस टीम की संयुक्त कार्रवाई में 7 अंतरराज्यीय आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में पकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है। पाकिस्तान एवं नेपाल में बैठे अंतरराष्ट्रीय आरोपियों द्वारा ठगी की रकम को अपने बताये हुए खातों में ट्रांजेक्शन करवाया जाता था।

आरोपियों से घटना में प्रयुक्त 11 मोबाइल, 14 सिम, 2 पासबुक,17 एटीएम कार्ड एवं नगद 11 हजार रुपए बरामद किया गया। वर्तमान मामले में टेरर फंडिंग सहित मनी लॉन्ड्रिंग की अग्रिम जांच मामले में की जा रही हैं। आरोपियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में भी पैसे इन्वेस्ट किये जाने के बारे में तथ्य सामने आए हैं। सरगुजा पुलिस द्वारा उक्त तथ्य पर भी अग्रिम जांच की जा रही हैं।

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बताया कि 23 मार्च को सीतापुर थाना क्षेत्र के लिचिरमा निवासी सेववती पैकरा नदी पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में पाया गया था कि मृतका के मोबाइल नंबर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा फोन कर केबीसी के माध्यम से 25 लाख रुपये ईनाम जीतने का लालच/झांसा देकर मृतका से 1.50 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। ठगी का अहसास होने पर मृतका ने मांड नदी पुलिया से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। मर्ग जाँच पर सदर धारा 420, 306 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

मामले को संज्ञान में लेकर पुलिस अफसरों के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन कर ठगी कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में अज्ञात आरोपियों की शीघ्र पता तलाश कर गिरफ्तार करने के दिशा निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला प्रशिक्षु आईपीएस चिराग जैन, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीतापुर ध्रुवेश जायसवाल, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम द्वारा मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही थी।

विवेचना दौरान मृतिका से अज्ञात व्यक्तियों से बात हुए फ़ोन नंबर एवं व्हाट्सअप नंबर की जानकारी प्राप्त करने पर संबंधित मोबाइल नंबर का आईपी एड्रेस पकिस्तान का होना पाया गया। ठगी की रकम से जिन-जिन खातों में राशि का ट्रांसजेक्शन हुआ था, उन खातों के संबंध में सम्बंधित खाता धारकों का केवाईसी डिटेल एवं रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर साइबर सेल एवं विशेष पुलिस टीम द्वारा प्राप्त कर मामले में अग्रिम जाँच की गई, जिसमें पुलिस टीम को जानकारी मिली कि अधिकांश खाता धारक जिनमें पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ था वो खाते पूर्णिया, कटिहार, आरा का होना पाया गया। इन खातों से अलग अलग खातों मे पैसे भेजे जाते थे। इसी क्रम में अंतिम आहरण पूर्णिया बिहार एवं अन्य कुछ जगहों से होना पाया गया है।

जिन खातों से अधिकतम ट्रांजेक्शन हुआ है-संबंधित जगहों पर साइबर सेल एवं विशेष पुलिस द्वारा पूर्णिया, कटिहार, आरा, पश्चिमी चम्पारण पहुंचकर मामले में शामिल संदेहियों की घेराबंदी कर पकडक़र पूछताछ की गई, जो अपना नाम आशीष कुमार मण्डल निवासी कटिहार बिहार, शाहिद आलम निवासी पूर्णिया बिहार, शिवेंद्र कुमार निवासी कटिहार, चक्रवर्ती आनंद निवासी पूर्णिया, प्रदुमन कुमार सिंह निवासी आरा बिहार, वलिउल्लाह रियाज निवासी चम्पारण,मनीष मण्डल निवासी कटिहार बिहार का होना बताये।

पकिस्तान के एजेंट से संपर्क, कमीशन पर काम

भारत में रहकर कुछ आज्ञात व्यक्तियों द्वारा निचले तबके के लोग का अकाउंट खुलवा कर उन्हें छोटी रकम देकर उनके खाते से सम्बंधित लेन देन स्वयं आरोपियों द्वारा किया जाता हैं, ये आरोपी पकिस्तान के एजेंट से संपर्क में रहकर ठगी के पैसे में से अपना कमिशन लेकर पाकिस्तानी एजेंट द्वारा बताये हुए खातों में पैसे भेज देते थे। हर रोज 4 से 5 लाख का ट्रांजैक्शन सामने आया है। दस करोड़ अनुमानित राशि अब तक यह लोग भेज चुके हैं। 

इसके अतिरिक्त पकड़ में आए हुए एक आरोपी ने यह भी बताया कि बाइनेंस नामक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में अपनी पाकस्तानी आकाओं के कहने पर पैसे निवेश किये गए हैं। पूर्व में भी ठगी के मामले सामने आए थे, जिनमें पाकिस्तान की आईपी से संचालित व्हाट्सअप कॉल कर ठगी की थी। वर्तमान मामले में टेरर फंडिंग सहित मनी लॉन्ड्रिंग की अग्रिम जांच मामले में की जा रही है। आरोपियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी  में भी पैसे इन्वेस्ट किये जाने के बारे में जांच में तथ्य सामने आए हैं। सरगुजा पुलिस द्वारा उक्त तथ्य पर भी अग्रिम जांच की जा रही है।

यह है अपराध का तरीका

आरोपियों द्वारा भोले भाले नागरिकों को केबीसी में ईनाम के रूप मे 25 लाख रुपये की बड़ी राशि जीतने का लालच/झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, और भोले भाले नागरिकों से इनाम की राशि पर प्रोसेसिंग फीस एवं जीएसटी के नाम पर लोगों से ठगी कर बड़ी राशि विभिन्न खातों मे डलवा लेते हैं। आरोपियों द्वारा केबीसी के नाम पर फज़ऱ्ी विज्ञापन एवं लाटरी के रूप में लेटर भेजकर भी घटना कारित किया जाता हैं। लाटरी में दिए गए नंबर अधिकतर व्हाट्सप्प के होते हैं, जिनमें व्हाट्सप्प कॉल के द्वारा लोगों से बात कर फर्जी इनाम मिलने की सूचना देकर ठगी की जाती है।

ऐसे मोबाइल नंबर जिनका कोड 91 से स्टार्ट नहीं होता है, ऐसे नंबरों पर कॉल या व्हाटसएप कॉल के माध्यम से आपसे ठगी की जा सकती है। कृपया ऐसे नंबरों से सावधाना रहे एवं ऐसे नंबर की सूचना अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को देवे एवं ऐसे फर्जी इनाम का लालच में न आवे, केबीसी द्वारा ऐसे किसी भी प्रकार की राशि नहीं दी जाती।

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