बलौदा बाजार

शहर के बाहर रास्तों पर फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट
23-Apr-2023 2:33 PM
शहर के बाहर रास्तों पर फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 23 अप्रैल। जिला मुख्यालय में संचालित कुछ नर्सिंग होम्स झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा चलाए जा रहे दवाखाना में बायो मेडिकल वेस्ट के निपटारे में भरपूर कोताही बरती जा रही है। इनके द्वारा नियमानुसार अस्पताल दवाखाना में मरीज के इलाज के लिए प्रयुक्त किए गए इंजेक्शन की बोटल सीरीज समेत उपयोग की गई शेड्यूल एच श्रेणी के दवाइयों को शहर की बाहरी सीमा पर सडक़ के किनारे फेंक कर आमजनों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं कई अस्पतालों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट औपचारिकता के लिए लगा जरूर है, परंतु इसके कार्य नहीं करने की वजह से इन अस्पतालों नर्सिंग होम का गंदा पानी सीधे नाली में उड़ेला जा रहा है। जिन पर नगरपालिका अथवा स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई में सिफर है।

विदित हो कि बहुत से झोलाछाप चिकित्सालय के दवाखाना एवं कुछ गैर जिम्मेदार नर्सिंग होम संचालक बायो मेडिकल वेस्ट के निपटारे में भरपूर कोताही बरत रहे हैं। स्थानीय एक प्रमुख नर्सिंग होम के संचालन ने बताया कि जिला मुख्यालय के अलावा भाटापारा व अन्य प्रमुख शहरों में संचालित नर्सिंग होम अथवा अस्पतालों द्वारा रायपुर बिलासपुर की कंपनियों से अनुबंध किया गया है। अस्पताल संचालन पहले ऐसे बायो मेडिकल वेस्ट को निर्धारित बॉक्स व इसके लिए अस्पताल परिसर में बनाए गए पृथक कक्ष में स्टोर करते हैं। इन कचरो के संबंधित कंपनी की वाहन प्रत्येक दूसरे दिन अस्पताल से एकत्र कर निपटारे हेतु ले जाती है। जिस कंपनी को अस्पताल द्वारा भुगतान किया जा रहा है वहीं कुछ नर्सिंग होम दवाखाना संचालक द्वारा रुपए बचाने के फेर में इन कंपनियों को बायो मेडिकल वेस्ट देने की बजाय गुपचुप तरीके से शहर के बाहरी मार्गों के अलावा ग्रामीणों क्षेत्रों में ले जाकर फेंक रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या झोलाछाप चिकित्सकों के ही है।

ऐसे बायोमेडिकल वेस्ट को रायपुर मार्ग स्थित खोरसी नाला में लगे वाटर कूलर से लेकर होटल गौरव के आगे तक सडक़ के किनारे बिखरे देखा जा सकता है। यही स्थिति ग्रामीणों क्षेत्रों की भी है, जहां झोलाछाप चिकित्सकों के दवाखाने से निकले बायो मेडिकल वेस्ट के अलावा कालातीत दवाइयों को सडक़ों के किनारे फेंक दिया जाता है। ग्राम सकरी स्थित हाई स्कूल मार्ग के किनारे भी ऐसे ही वेस्ट और कालातीत दवाइयां गैर जिम्मेदार तरीके से फेंक दिया गया है।

बड़े नर्सिंग होम अस्पताल के सीवरेज में आईसीयू आपातकालीन कक्ष पैथोलैब आदि से मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए घातक तत्व होते हैं, जो पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अत: अस्पतालों की नालियों से निकलने वाले इस दूषित जल की सफाई हेतु अस्पताल में एसटीपी लगाया जाता है। जिला मुख्यालय के अलावा नगरी निकायों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित बहुत से अस्पतालों में यह प्लांट लगाया भी गया है परंतु बहुत से अस्पतालों में एसटीपी की स्थापना कर औपचारिकता ही निभाई जा रही है। इसके चलते अस्पतालों से निकला दूषित पानी नालियों में बहाया जा रहा है इन सबसे अवगत होने के बावजूद स्वास्थ्य हमले तथा जिम्मेदार विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। जो जनस्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है विशेषकर वर्तमान कोरोना काल में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

बायो मेडिकल वेस्ट के संबंध में नगर पालिका परिषद बलौदा बाजार के स्वच्छता निरीक्षक मनोज कश्यप से चर्चा की किया गया तो उन्होंने बताया कि बायोमडिकल वेस्ट पर कार्रवाई का जिम्मा स्वास्थ्य अमले का है। यदि अस्पताल के आसपास गंदगी या वेस्ट पाया जाएगा तो नियमानुसार कार्रवाई किया जाएगा। वहीं सीएमएचओ एमपी महेश्वर से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि यदि सडक़ के किनारे वेस्ट में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है तो गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित नर्सिंग होम अस्पताल प्रबंधन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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