सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 28 अप्रैल। विश्व पशु चिकित्सा दिवस 29 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. सी के मिश्रा ने बताया कि रेबीज एक वायरस जनित रोग है, जो मुख्य रूप से कुत्ते के काटने से होती है।इसे हाईड्रोफोबिया के नाम से भी जाना जाता है ।
विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 50000 एवं भारत मे लगभग 25000 व्यक्तियों की मृत्यु कुत्ते के काटने से होती है। इस बीमारी से बचाव का एक ही तरीका है कि हम रेबीज के बारे में जागरूकता फैलाएं और अधिक से अधिक संख्या में कुत्तों का टीकाकरण करवाये ।
यदि किसी व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया है तो उसका उपचार कराएं घाव को अच्छी तरह से कार्बोलिक शॉप से धो ले और 24 घंटे के अंदर रेबीज का टीका लगवाए। किंतु एक बार यह बीमारी मनुष्य को लग जाती है तो फिर इलाज करना संभव नहीं है, इसलिए समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है कि यदि किसी मनुष्य को कुत्ते ने काट लिया है टीका लगाकर 100 प्रतिशत बचाव किया जा सकता है।यदि लापरवाही की जाती है और टीका नहीं लगाया जाता है तो इस बीमारी के होने के बाद उपचार संभव नहीं है और व्यक्ति की मृत्यु 100 प्रतिशत हो जाती है।
जो पशु पालक कुत्ता पाल रहे है ,वे अपने कुत्ते को प्रति वर्ष रेबीज का टीका अवश्य लगवाए ।
इस तरह समाज में व्यापक जागरूकता फैला कर इस जानलेवा बीमारी से बचाव किया जा सकता है ।