सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकपुर,14 मई। अंबिकापुर के लाइवलीहुड कॉलेज में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर कार्य करने हेतु स्वयं सेवकों की भूमिका को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में अम्बिकापुर के विभिन्न कॉलेजों से 92 छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए।
इस कार्यशाला द्वारा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर सरगुजा के ग्रामीण अंचलों में कार्य करने हेतु स्वयं सेवकों को कैसे और क्या कार्यक्रम जिले में करने हैं, महिलाओं, लड़कियों, स्कूली-कॉलेज छात्र-छात्राओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला बाल विकास एवं पंचायत विभाग से कैसे सामंजस्य स्थापित कर गांवों तक कार्यक्रम को पहुंचाया जाये, इस पर सभी ने विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम में सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी से अंचल ओझा द्वारा स्वयंसेवकों को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन क्या है? माहवारी के दिनों में क्या-क्या समस्याएं होती है? यदि किसी लडक़ी को माहवारी नहीं आएगा तो क्या होगा? माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में पुरुषों की भूमिका क्या है? सेनेटरी पैड या कपड़े का उपयोग कैसे करें ? इन दिनों खान-पान कैसा हो, विषय पर विस्तार से जानकारी दी गई।
इस दौरान कई छात्र-छात्रायें ऐसे भी मिले, जो पहले से सरगुजा साइंस ग्रुप के साथ मिलकर स्वयं सेवक के रूप में कार्य कर रहे हैं और उन्होंने अपने क्षेत्र में गांव में हुए बदलाव को लेकर कई जानकारी दी। अंचल ओझा ने सरगुजा, बलरामपुर एवं सूरजपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में हुए बदलाव को लेकर कई कहानियां बताई एवं कहा कि नियमित चर्चा करना ही वह माध्यम है जिससे माहवारी पर व्याप्त झिझक को तोड़ा जा सकता है।
पॉलिटेक्निक कॉलेज के एनएसएस प्रभारी आशुतोष दुबे के द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा गया कि मुझे स्वयं इस विषय पर बात करने से बहुत झिझक होती थी, परंतु अब आज के इस कार्यक्रम से मुझे लगता है कि मैं आगे इस विषय पर समझ बढ़ा कर खुलकर चर्चा कर पाऊंगा।
जन शिक्षण संस्थान के निदेशक द्वारा समस्त स्वयंसेवकों को समाज के लिए मन से एवं ऊर्जा के साथ कार्य करने हेतु प्रेरित करते हुए शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूनिसेफ सरगुजा की डिस्क्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर ममता चौहान द्वारा स्वयंसेवकों को समाज के लिए उनके क्या दायित्व हैं? माहवारी विषय की जानकारी अपने गांव व आसपास में नियमित रूप से देने,अपने परिवार से शुरुआत करने, माता-पिता दोनों को अपने बच्चों से बात करने तथा नियमित रूप से जागरूकता लाने हेतु जानकारी दी गई। साथ ही माहवारी स्वच्छता संबंधी फिल्म पिको प्रोजेक्टर के माध्यम से पहेली की सहेली दिखाई गई, इस पर स्वयंसेवकों को आगे किस प्रकार कार्य करना है उसकी जानकारी दिया गया। समस्त स्वयंसेवकों ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन एवं किशोर सशक्तिकरण विषय पर खुलकर बात करने एवं समाज में जागरूकता लाने हेतु अपनी पूर्ण सहमति दी। बैठक में अंबिकापुर के कई महाविद्यालय से स्वयंसेवक पहुंचे। यह कार्यक्रम यूनिसेफ सरगुजा द्वारा स्वयं सेवकों के व्यक्तित्व विकास एवं माहवारी के प्रति समझ बढाने को लेकर लाईवलीहुड कॉलेज अंबिकापुर में आयोजित की गई थी।
इस दौरान लाईवलीहुड कॉलेज की ट्रेनर रेणु पांडेय, स्वीप सरगुजा से प्रीति तिवारी, रजनीश मिश्रा, विवेक सिंह, रमेश यादव, हेमवंती, ललिता, पल्लवी सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।