सरगुजा
अंबिकापुर, 15 मई। सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय सुभाषनगर में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित जिंदल, प्रोफेसर प्रमोद कुमार नायक वाइस चांसलर आइसेक्ट यूनिवर्सिटी हजारीबाग झारखंड, डॉ. सिद्धार्थ जैन प्रिंसिपल अपोलो कालेज दुर्ग, सुभाषचंद्र अग्रवाल शिशु मंदिर समिति अध्यक्ष,बसंत कुमार गुप्ता व्यवस्थापक, डॉ.सीमा मिश्रा सहायक प्राध्यापक होली क्रास कालेज ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
उद्घाटन सत्र में अमित जिंदल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से शिक्षा व्यवस्था के स्तर में आमूलचूल परिवर्तन होगा। जैसा कि इस शिक्षा नीति में विद्यार्थी के पाठ्यक्रम के साथ अन्य गतिविधियों में सक्रिय रहकर बालक सीख सकेगा
जिससे भारत के भावी भविष्य को ठीक प्रकार से गढ़ा जा सकेगा।
प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए प्रोफेसर प्रमोद कुमार नायक ने इंपैक्ट ऑफ़ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 ऑन टीचर एजुकेशन विषय पर विस्तृत विचार व्यक्त करते हुए बताया कि शिक्षक की ट्रेनिंग भी मिलिट्री की ट्रेनिंग की तरह है। इसमें शून्य प्रतिशत भी अंतर नहीं होना चाहिए और इस प्रशिक्षण में अंतर होने के कारण ही अच्छा शिक्षक,डॉक्टर, इंजीनियर, वकील समाज सदैव ढूंढता रहता है।
उन्होंने कहा कि अच्छा होना, अच्छा नहीं होने का कारण यह है कि इन विद्यार्थियों के द्वारा अपने अध्ययन, ट्रेनिंग व अभ्यास ठीक प्रकार से नहीं करना जिसके कारण आज शिक्षक व अन्य पेशेवरों के ऊपर यक्ष प्रश्न लगते रहते हैं।
आगे उन्होंने वर्तमान शिक्षा के पाठ्यक्रम 5+3+3+4 की संरचना को विस्तार से बताया साथ ही आने वाले समय में बीएड कोर्स हो रहे परिवर्तन के बारे में विस्तृत विचार साझा किया। डॉ. अंजन सिंह प्राचार्य संत हरकेवल कॉलेज, कुरेशी सिंह, डॉ. श्रद्धा मिश्रा प्राचार्य, कन्वेयर रानी रजक व विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापक, शोधार्थी, और प्रशिक्षणार्थि उपस्थित रहे।
प्रथम सत्र के समापन में समिति के अध्यक्ष सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने प्रोफेसर प्रमोद कुमार को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार प्रकट किया।