महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,29 मई। महासमुंद के जैन नर्सिंग होम में नि:शुल्क डायलिसिस सेवा का उदघाटन करते हुए प्रख्यात लेप्रोस्कोपिक सर्जन एवं रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ.संदीप दवे ने कहा कि एक समय था जब रक्तदान के लिए मशक्कत करनी पड़ती थी। परंतु अब क्षेत्र में जागरूकता आ गई है और लोग रक्तदान स्व प्रेरणा से करने लगे हंै। वर्तमान समय में हमें अंगदान के लिए वैसा ही जागरूकता अभियान चलाना पड़ेगा। जैसे वर्षों पहले रक्तदान के लिए चलाया गया था। आज सैकड़ों लोग ब्रेन डेड की स्थिति में होते हैं। परंतुु उनके अंगदान की कोई पहल परिवार द्वारा नहीं की जाती। जबकि अंगदान कर अनेक लोगों को मौत के मुंह से निकाला जा सकता है। परंतु जागरूकता के अभाव में मरीज मौत के मुंह में समा जाते हैं। डॉ.संदीप दवे ने जैन नर्सिंग होम में नई सुविधा के रूप में डायलिसिस सेवा के प्रारंभ पर संचालक डा. स्मित चोपड़ा को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज गुर्दा की बीमारी ने समाज में भयंकर रूप धारण कर लिया है। पहले जहां महानगरों में ही डायलिसिस की सुविधा थी। वहीं अब जिला स्तर से भी आगे इन सेवाओं का विस्तार हुआ है। इसकी और विस्तार की जरूरत है। क्योकि गुर्दे की बीमारी बढ़ती जा रही है। जिसे सरकारी सेवाओं के भरोसे संभालना असंभव सा है।
डॉ.विमल चोपड़ा ने कहा कि जैन नर्सिंग होम महासमुंद क्षेत्र में विगत 34 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहा है। इस संस्थान को क्षेत्र के लोगों का सहयोग एवं स्नेेह लगातार मिल रहा है। 34 वर्ष पूर्व गांधी चौक में छोटे से क्लिनिक के रूप में स्थापित यह संस्थान अपनी लंबी यात्रा के एख पड़ाव के साथ इस वक्त बरोंडा चौक में है और यहां पिछले 20 वर्षों से संचालित है। आभार प्रदर्शन करते हुए मोहन चोपड़ा ने कहा कि डॉ.संदीप दवे चिकित्सा के क्षेत्र के ख्यातिनाम व्यक्ति हैं। उन्होंने यहां आकर हमारा गौरव बढ़ाया। इसके लिए हम उनका आभारी हंै। वही शहर के चिकित्सकों एवं नागरिकों ने अपनी उपस्थिति देकर हमारे कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई उनका भी आभार एवं धन्यवाद। कार्यक्रम के अंत में डॉ. स्मित चोपड़ा एवं डॉ.साक्षी चोपड़ा ने मोमेंटो भेंटकर डॉ.संदीप दवे का सम्मान किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ डा. संदीप दवे का स्वागत मंच पर संपत चोपड़ा, मोहन चोपड़ा, डा. विमल चोपड़ा, डा. मेमन, डा. ज्योति चोपड़ा, डॉ. स्मित चोपड़ा एवं डा. साक्षी चोपड़ा ने किया। इस दौरान कार्यक्रम में डॉ. एम एस गुरूदत्ता, डॉ. राकेश परदल, डॉ. घनश्याम चन्द्राकर, डॉ. लेखराम चन्द्राकर, डॉ. हरखा कालीकोटी, डॉ. नागेश्वर राव, डॉ.हरजोत गुरूदत्ता, डॉ. लक्ष्मीकांत तिवारी सहित अनेक ग्रामीण चिकित्सक व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।