रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जून । भूमि,मकान के रजिस्ट्री आफिस में ई- पंजीयन की सेवा कंपनी और शासकीय कर्मचारियों के बीच जमकर टसल चल रही है । निजी कंपनी के इन कंप्यूटर ऑपरेटर स्तर के इन कर्मचारियों ने एक तरह से पूरे सिस्टम को हथिया लिया है। इतना ही नहीं सेवाप्रदाता कंपनी द्वारा पंजीयन अधिकारी के वैधानिक शक्तियों का अतिक्रमण कर लिया गया है।
इसका विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी कर्मचारी संघ 22 जून से क्रमिक आंदोलन पर जा रहा है। संघ का कहना है कि पंजीयन कार्मिकों द्वारा सेवाशर्तों एवं कार्यगत परिस्थितियों के संबंध में विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिये समय-समय विभाग को कई बार पत्र प्रेषित किया गया है। लेकिन इन पर कार्यवाही आज पर्यन्त लबित है।
अध्यक्ष विरेन्द्र श्रीवास,सचिव शशि पात्रे खुटियारे ने एक बयान में कहा किविभाग को समय-समय पर अवगत कराते रहे हैं कि पंजीयन विभाग में प्रतिवर्ष राजस्व बढऩे के साथ ही काम कई गुणा बढ़ चुका हैं। और कर्मचारी पहले से भी कम है रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की जा रही है। समय पर पदोन्नति तथा सेवालाभ प्नहीं दिया जा रहा है।
सेवा प्रदाता के मनमानी के कारण भी हमें कार्य करने में अत्यधिक कठिनाई हो रही है। वर्तमान में ई-पंजीयन प्रणाली को एक निजी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा संचालित किया जाता है। इस सेवाप्रदाता द्वारा पंजीयन अधिकारी के वैधानिक शक्तियों का अतिक्रमण कर लिया गया है. इनके द्वारा साफ्टेवयर में पर्याप्त विकल्प नहीं देने के कारण विभागीय लोगों के लिए पंजीयन करना कठिन कार्य तो है ही इससे आमजन को भी पूर्व से अपाइंटमेंट लेने के बाद भी घंटो कार्यालय में इंतजार करना पड़ता है। साफ्टवेयर में कमी के कारण कई बार बिना पंजीयन कराए वापस जाना पड़ता है।इसका भी दोष वे पंजीयन अधिकारी को ही देते हैं। इससे पंजीयन विभाग के अधिकारी / कर्मचारी अत्यधिक व्यथित है। यह स्थिति पूरे प्रदेश की है।इन समस्याओं का त्वरित निराकरण नहीं किये जाने पर चरणबद्ध आंदोलन करने के लिये बाध्य हो रहे हैं। संघ के सदस्य कर्मचारी 21 जून बुधवार को एक दिवासय सामूहिक अवकाश रहेंगे । उसके बाद 22 से 30 जून तक काली पट्टी लगाकर कार्य होगा । फिर भी विभाग समस्याओं का त्रह्म्शष्द्गह्म्4 तथा मांगों नहीं मानता है तो 1 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल किया जाएगा।
केवल छत्तीसगढ़ में निजी कंपनी से काम लिया जा रहा, कमीशन दे रही
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश के 23-24 प्रदेशों में केंद्र सरकार द्वारा तैयार साफ्टवेयर या इस्तेमाल हो रहा है । छत्तीसगढ़ के पड़ौसी महाराष्ट्र, एमपी, गुजरात में भी ये जिस एकीकृत. साफ्टवेयर के जरिए ही पंजीयन हो रहा। इन सभी राज्यों कि डेटाबेस एक ही सरवर में शामिल होता है । यह साफ्टवेयर ,केंद्र निशुल्क देने के साथ मेटेनेंस भी करता है। इन सभी राज्यों में सफलता से चल रहा है । केवल छत्तीसगढ़ ने ही कोलकाता की निजी कंपनी आईटी साल्यूशन को पूरे राज्य के लिए नियुक्त किया है। कंपनी को हर रजिस्ट्री पर एक निश्चित शुल्क, क्रेता को देना होता है । इस कमीशन का कुछ प्रतिशत राज्य सरकार के खाते में क्रेडिट होता है । आपके अहम दस्तावेज, बिना किसी रोक के निजी कंपनी के सरवर में सेव किए जा रहे हैं। इस पर निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । विभाग के पदाधिकारी ,अफसर इस पर उदासीन बने हुए हैं।