बस्तर

तुरेनार गोठान में मनाया हरेली तिहार और रोका-छेका
17-Jul-2023 9:04 PM
तुरेनार गोठान में मनाया हरेली तिहार और रोका-छेका

  गेड़ी चढक़र छत्तीसगढ़ी ओलंपिक का शुभारंभ, मिलेट्स कार्निवाल भी शुरू  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 जुलाई।
प्रदेश में हरेली त्यौहार का विशेष महत्व है। हरेली छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार है। इसी के मद्देनजर सोमवार को जिला स्तरीय हरेली तिहार और रोका- छेका कार्यक्रम का आयोजन जगदलपुर जनपद के ग्राम तुरेनार में स्थित गोठान व रीपा में किया गया।

 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, चित्रकोट विधायक  राजमन बेंजाम ने गोठान में खेती-किसानी में उपयोग आने वाले कृषि यंत्रों की पूजा-अर्चना कर पशुधन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए औषधियुक्त आटे की लोंदी खिलाई। इस अवसर पर  क्रेडा के अध्यक्ष मिथलेश स्वर्णकार, महापौर  सफीरा साहू, इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, कलेक्टर विजय दयाराम के., सीसीएफ मोहम्मद शाहीद, सीईओ जिला पंचायत प्रकाश सर्वे ने भी पूजा-अर्चना कर पशुओं को औषधि खिलाई। इसके उपरांत सभी अतिथियों ने परिसर में पौधरोपण किया।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बघेल ने  प्रदेश के सबसे बड़े रीपा सेंटर में हरेली तिहार और छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक शुभारंभ के आयोजन पर प्रदेश की पहली तिहार की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की हरेली तिहार को पर्व के रूप में मनाने के पहल पर लोक महत्व के छत्तीसगढ़ की संस्कृति और लोक पर्वों की महत्ता बढ़ गई है। साथ ही पारंपरिक खेलों को छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का स्वरूप देकर खेल की गतिविधियों को बढ़ाया है।

चित्रकोट विधायक श्री बेंजाम ने कहा कि गांव की परंपरागत  संस्कृति और खेल गतिविधियों को सरकार ने एक तिहार का स्वरूप दिया है। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा दिखाकर जिला का नाम रोशन करें।

महापौर श्रीमती सफीरा साहू ने कहा कि सरकार ने गांव की महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने के लिए रीपा का संचालन किया। त्यौहार की शुरुआत हरेली तिहार से होती है इस परंपरा को सरकार ने मनाने प्रारंभ किया है इसके लिए सभी को बधाई।
 इंद्रावती बेसिन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री राजीव शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के परंपरागत तीज-त्यौहार, बोली-भाखा, खान-पान, ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

कलेक्टर श्री विजय ने हरेली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेली का आशय हरियाली ही है। हरेली पर्व आते तक खरीफ फसल आदि की खेती-किसानी का कार्य लगभग हो जाता है। इस तिहार को सभी की सहभागिता के लिए शासन ने उत्सव का रूप दिया है। साथ ही खरीफ फसलों की रक्षा और पशुधन की सुरक्षा हेतु पशुओं को गौठानों में रखने के लिए रोका-छेका कार्यक्रम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की पहल पर पिछले वर्ष शुरू की गई छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक को काफी लोकप्रियता मिली। इसको देखते हुए इस बार हरेली तिहार के दिन 16 विधाओं के खेल गतिविधियों में शुरू होने वाली छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक 2023-24  का शुभारंभ किया गय,जो सितंबर के अंतिम सप्ताह तक जारी रहेगा। इसमें प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान किया गया है।

 लोक संस्कृति के इस पर्व में अधिक से अधिक लोगों को जोडऩे के लिए छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक की भी शुरूआत की गई है। इसके लिए सभी अतिथियों ने गेड़ी चढक़र पारम्परिक खेलों पर आधारित छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही सभी अतिथियों ने गिल्ली-डंडा और रस्सा-खींच में भी अपनी जोर आजमाइश किए।परिसर में पशुधन विकास विभाग, कृषि विभाग और मिलेट्स पर आधारित खाद्य सामग्री की महिमा स्व समूह की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

इस कार्यक्रम में  मिलेट्स के उत्पाद से बने खाद्य सामग्रियों को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने मिलेट्स कार्निवाल का प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में डीएमएफटी मद से गोठान समिति को कृषि यंत्र, किसानों को कृषि उपकरण और रागी बीज का वितरण किया गया। इस अवसर पर सन्निर्माण कर्माकर मण्डल सदस्य श्री बलराम मौर्य, जनप्रतिनिधि जानकी राम सेठिया, यशवर्धन राव, महिला आयोग के सदस्य बालू बघेल, कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान संचालक श्री धम्मशील गणवीर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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