बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 24 जुलाई। मणिपुर में हुई घटना के विरोध में सोमवार को सर्व आदिवासी समाज द्वारा बस्तर संभाग बंद किया गया। सर्व आदिवासी समाज के आग्रह पर दुकानदारों, व्यापारियों से ले कर ठेले खोमचे वालों तक ने सुबह से ही अपनी-अपनी दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखा।
इस बंद में शिक्षा संस्थानों, दवा दुकान, पेट्रोल पंप को छूट दी गई थी। शांतिपूर्ण तरीके से कराए गए नगर बंद के दौरान कही कोई अप्रिय घटना नहीं हो, इसलिए पुलिस बल शहर के मुख्यमार्गों में तैनात थी, माहौल पर पैनी नजर जमाए हुए थी।
सर्व आदिवासी समाज द्वारा करवाए गए बस्तर संभाग बंद को बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने दिया समर्थन दिया। संस्था के महामंत्री विमल बोथरा ने बताया कि सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग जिला बस्तर द्वारा मणिपुर घटना को लेकर जिला स्तरीय 24 जुलाई को बंद का एक पत्र बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज को प्राप्त हुआ। कार्यकारणी समिति द्वारा कहा गया कि मणीपुर की घटना से हम सभी दुखी है। केन्द्र व राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को दंडित करें व शांति व अमन का माहौल स्थापित करें। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 24 जुलाई सोमवार को दोपहर 2 बजे तक व्यापारी बन्धु अपने प्रतिष्ठान बंद रखें व सभी आवश्यक वस्तुओं को बंद से छूट रहेगी।
शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी दिखा बंद
का असर
सर्व आदिवासी समाज द्वारा करवाए गए बस्तर संभाग बंद का असर जगदलपुर के आसपास के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला। शहर से सटे धरमपुरा, केशलूर, तोकापाल, लोहंडीगुड़ा, करंजी, तुरेनार, नगरनार, बस्तर, करपावंड, बकावंड आदि जगहों की दुकानें सुबह से बंद दिखी।
सर्व आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओ से किये गए जघन्य घटना कि निंदा करते हुए दोषियों के ऊपर तत्काल कठोर कार्रवाई करते हुए फाँसी की सजा की माँग करती है एवं इसी घटना के विरोध में आज पूरे बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण बंद किया गया है। साथ ही दोपहर 2 बजे रैली की शक्ल में सर्व आदिवासी समाज के लोग कलेक्टोरेट पहुचे और दोषियों पर जल्द कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा।