महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 जुलाई। बागबाहरा जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर ने राज्य सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का सत्यापन कार्य को लेकर जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि गरीब हितग्रहियों को केंद्र एवं राज्य सरकार की समस्त जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित करने के उद्देश्य से सर्वेक्षण कार्य कराया जा रहा है। जिसकी भनक गांव की गरीब एवं पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं है। सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर में भूस्वामी कालम में भूमिहीन परिवारों के लिए उपयुक्त बिंदु अनुचित प्रतीत हो रहा है।
उन्होंने कहा है कि परिवार में भूमि की जानकारी में मात्र दो ऑप्शन है। एक 7.5 एकड़ से ज्यादा और 7.5 एकड़ से कम या बराबर। भूमिहीन का ऑप्शन ही नहीं है। इससे जो परिवार वास्तविक भूमिहीन है, एप के अनुसार वह भी 7.5 एकड़ के नीचे जमीन दर्ज हो रहा है। जबकि ऐप में भूमिहीन का ऑप्शन होता तो भूमिहीन परिवारों की वास्तविक जानकारी आती।
उसी प्रकार एप में कच्चा मकान एवं पक्का मकान मात्र दो आप्शन है। जिसमें अगर ईंट का दीवाल ऊपर छत सीमेंट कंक्रीट है तो पक्का मकान दर्जा होगा लेकिन ईट का दीवाल एवं ऊपर खपरैल वाला मकान है दीवाल ईट का होने के कारण पक्का मकान की श्रेणी में आ रहा है जो गलत है। मात्र मिट्टी से बना कच्चा दीवाल ऊपर छत खपरैल वाला मकान ही कच्चा मकान की श्रेणी में आ रहा है। ऐसी स्थिति में गांव के 95 प्रतिशत गरीब आवास से वंचित हो जाएंगे।