बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अगस्त। जगदलपुर ऑफ नर्सिंग की छात्राओं ने सोमवार को आड़ावाल स्थित हल्बा कचोरा गांव में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसमें नर्सिंग की छात्राओं ने महिलाओं को स्तनपान का महत्व बताने के साथ ही बच्चों को किस प्रकार से स्तनपान कराना है, उसके बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी एक नाटक के माध्यम से दी गई।
नर्सिंग की छात्राओं ने हलबा कचोरा में निवासरत 50 से अधिक घरों में रहने वाली महिलाओं को बताया कि स्तनपान को प्रोत्साहित करने और दुनिया भर के शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए हर साल 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसकी शुरूआत अगस्त 1990 में हुई थी। विश्व स्तनपान सप्ताह घोषित किए जाने का उद्देश्य स्तनपान को बढ़ावा देना था, जिससे शिशुओं को सही पोषण और उनका स्वास्थ्य बेहतर किया जा सके। इस मिशन में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और अन्य संगठन शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, स्तनपान माताओं और बच्चों, दोनो के लिए बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। स्तनपान को बढ़ावा देकर हर साल 8 लाख से अधिक जानें बचाई जा सकती है, इनमें ज्यादा संख्या 6 महीने से कम उम्र के बच्चों की है।
स्तनपान कराने से माताओं को स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है। यह अनुमान लगाया गया है कि स्तनपान कराने से स्तन कैंसर के कारण हर साल होने वाली 20 हजार माताओं की जानें बचाई सकती है।
डब्ल्यूएचओ जन्म के एक घंटे के भीतर बच्चे को 6 महीने का होने तक स्तनपान कराने की सलाह देता है। बच्चों को दो साल तक या उससे ज्यादा समय तक स्तनपान कराते रहना चाहिए साथ में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को जोड़ा जाना चाहिए।