बस्तर
अटूट रिश्ते की मिसाल बन गए भाई-बहन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
किलेपाल, 27 अगस्त। भाई-बहन के प्यार की मिसाल हैं रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दिखाता है। यह त्योहार बहन के लिए भाई के प्रति स्नेह को दर्शाता है तो वहीं यह भाई को उसके कर्तव्यों का बोध कराता है। ऐसा ही रिश्ता सुमन कार्तिक और भावना झाड़ी (पिंकी) का है।
2005 में सुमन कार्तिक बीजापुर किसी काम से आए थे और उसे रुकने का जगह कहीं नहीं मिला, तो वह राउत पारा चला गया, जहां रैमनदास झाड़ी के माध्यम से रूम मिला। रैमनदास झाड़ी के परिवार में उसकी पत्नी 3 लडक़ा और एक लडक़ी है। सुमन उस परिवार से जुड़ गए और रैमनदास झाड़ी की बेटी भावना झाड़ी (पिंकी) के मार्गदर्शक बन गए। सुमन के पढ़ाई के प्रति जागरुक और समझाने की प्रेरक बातों से भावना आकर्षित हुई और सुमन की बातों को आदर्श मान अच्छे से पढ़ाई कर जगदलपुर में बीएसी नर्सिंग पूरा करने के बाद महारानी अस्पताल में सेवा दी और अब वर्तमान समय मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में पदस्थ है। भावना के अब दो बच्चे हैं।
भाई-बहन का यह रिश्ता 2005 में बना जब सुमन कार्तिक का शादी नहीं हुई थी और भावना 6वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही थी। सुमन के आदर्श और अनुशासन के पाठ से भावना के जीवन में बहुत ही सार्थक साबित हुआ। भावना झाड़ी (पिंकी) अब भावना रामटेके हो गई और जगदलपुर में अपने पति सास, देवर-देवरानी और 6 साल के बेटे और 4 साल की बेटी के साथ रह रही है, वहीं सुमन कार्तिक अपने परिवार पत्नी एक लडक़ा, एक लडक़ी के साथ किलेपाल (बास्तानार)में रहता है।