राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 सितंबर। नए संसद भवन में 20 सितंबर 2023 को बहुमत से पारित नारी शक्ति वंदन विधेयक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की दूरदर्शिता का परिणाम है। जिला किसान कांग्रेस मदन साहू ने संविधान के 128वें संशोधन के रुप में पारित महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के उन आरोपों का जवाब भी है। जिसमें वे 60 सालों में स्वतंत्र भारत के विकास और लोकतांत्रिक व्यवस्था को झूठलाते हैं।
साहू ने कहा कि सबसे पहले वर्ष 1989 में राजीव गांधी की सरकार में स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने सदन में महिला आरक्षण विधेयक लाया था। वर्ष 1993 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने दोबारा ए बिल सदन में रखे और पारित करवाए। इसके बाद ही पंचायत और निकायों में महिला आरक्षण लागू हुआ। नतीजा है कि आज देश में तकरीबन 15 लाख महिलाएं निकायों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।