जान्जगीर-चाम्पा
सुरेन्द्र सोनी
बलौदा, 26 अक्टूबर (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। विधानसभा चुनाव के चलते निर्वाचन आयोग के फरमान से सैकड़ों से भी ज्यादा व्यापारियों ने अपना व्यवसाय बंद किया। उनके सामने जीविकापार्जन की समस्या खड़ी हो गई।
ज्ञात हो कि आवागमन से व्यापार करने के लिए सामानों के साथ पक्का जीएसटी बिल और डिलीवरी चालान होना अनिवार्य है, अन्यथा आपके सामानों की जांच के साथ कार्रवाई निश्चित है।
ठीक त्यौहारी सीजन में विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से, रास्तों में आने जाने वाले आम लोगों के साथ-साथ व्यापारियों को संकट में डाल दिया है। निर्वाचन आयोग के सख्त आचार संहिता का पालन करने का निर्देश अधिकारियों-कर्मचारियों को दिया गया है। जिसकी चपेट में छोटे-बड़े व्यापारी खास कर जहां दैनिक हाट बाजार के माध्यम से अपनी जीविका अर्जन होता है, आ गये हैं।
इतिहास में पहली बार इस तरह का चुनाव में जांच और सख्ती के चलते व्यापारी अपना व्यापार बंद कर घर बैठे है। सामानों के वैध और उचित दस्तावेजों के होते हुए भी उनसे अपराधियों जैसा सलूक कर रही है। वाहनों की जांच के दौरान घेरा बनाकर मोबाइल आदि भी लूट ले रहे हैं, बिल या दस्तावेज दिखाने पर भी उसे अनदेखा कर अपराधी बना रहे हंै और सामनों की जब्ती बनााई जा रही है।
इसी डर से एक बड़ा व्यापारी समूह अपना कारोबार चुनाव जब तक संपन्न नहीं हो जाता, तब तक के लिए अपना दैनिक हाट बाजार के साथ ऑर्डर किये गये सामानों को लाना-ले जाना बंद कर दिये हैं।
दूसरी ओर जिम्मेदार उच्चाधिकारी का कहना है कि आप निर्भीक होकर व्यापार करो, लेकिन पूरे पक्के में। फिर भी निर्वाचन के तरफ से जो जांच टीम बनाई गई है, वे कुछ देखने-सुनने को तैयार नहीं है और सीधे कार्रवाई पर आमादा है।
कारोबारियों का कहना है कि जिम्मेदार कहते हैं-ऐसी कोई बात है तो शिकायत करो। यदि शिकायत करते हैं, तो व्यापारी को बाद मे परेशान किया जाएगा, यह निश्चित है। और टारगेट में सभी व्यापारी हैं, जो दैनिक हाट बाजार गांव-गांव एक जिले से दूसरे जिले में जाकर हाट बाजार करते हैं, उनसे जिला चेक पोस्ट और जगह जगह मोबाइल चेक पोस्ट के बहाने बेरियर में तैनात कर्मचारी के द्वारा व्यापारियों से अपराधियों जैसा सलूक कर रही है।
वर्षों पुरानी पारम्परिक व्यवस्था के अनुसार सभी गाँव नगर कस्बो में हाट बाजार का संचालन होता है। जिसमें आसपास के दीगर जिलों के गाँवों से व्यापार करने के लिए व्यापारी सामानों के साथ आवागमन कर हाट बाजार में दुकान लगाते हंै।
अभी चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता के कारण जगह-जगह चेक पोस्ट बनाये गये हैं, जहां तैनात कर्मचारी रास्ता रोककर जांच के नाम पर डरा-धमका रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार जांच के लिए व्यापारियों की रेकी भी कराई जा रही है, और पकड़े जाने पर मामले को डरा धमका कर लेनदेन पर खत्म किया जा रहा है।
लोगों के मन में दहशत है, ऐसा चुनाव पहले बार देखने को मिल रहा है, जहाँ दैनिक रोजमर्रा का व्यापार प्रभावित हो रहा है।
उचित दस्तावेजों के अभाव में कार्रवाई तो ठीक है, लेकिन कार्रवाई के दौरान व्यापारियों का नाम पता और फोटो सामान के साथ उजागर कर रहे हैं, जो भविष्य में किसी बड़े अनहोनी को आमंत्रण दे रहे हैं, जिसके जिम्मेदार कौन होंगे? और इसी कार्रवाई ने व्यापारियों को दहशत में डाल रखा है, जिससे आने वाला दीपावली और अन्य त्योहार पूरे वर्ष भर के लिए चौपट हो जाएगा।