बलौदा बाजार

उगते सूर्य को अघ्र्य, संतान की दीर्घायु व परिवार की समृद्धि की कामना
20-Nov-2023 3:43 PM
उगते सूर्य को अघ्र्य, संतान की दीर्घायु व परिवार की समृद्धि की कामना

छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 20 नवंबर। सूर्य उपासना का महापर्व छठ आस्था के साथ मनाया गया। डूबते सूर्य को अघ्र्य अर्पित कर व्रती महिलाओं ने परिवार की सुख-समृद्धि की मंगल कामना की। सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देकर छठव्रतियां ने व्रत का पारण किया।

विश्व का एकमात्र पर्व है जिसमें डूबते सूर्य का भी सम्मान किया जाता है। यह बताता है कि जिनकी अस्त हुआ उसका उदय होना भी भी तय है। उत्तर भारतीयों के सबसे प्रमुख त्योहार छठ पूजा के लिए प्रति महिलाओं ने रविवार शाम ढलते सूर्य को आधारित देकर पूजन किया चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन व्रत में महिलाओं ने 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव की उपासना की। व्रत के अंतिम दिन सोमवार सुबह उठते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा की गई और व्रत का पारण किया गया।

रविवार शाम अस्तानचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने के बाद महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाया दूसरी ओर युवाओं ने पटाखे फोड़ कर खुशी मनाई। गौरतलब  है कि उत्तर भारतीयों के मुख्य पर्व छठ को महिलाओं द्वारा पूरी आस्था तथा पवित्रता के साथ मनाया जाता है। छठ पर्व पर महिलाओं प्रमुख रूप से पुत्र पुत्री प्राप्ति बच्चों की लंबी उम्र निरोगी शरीर तथा परिवार की सुख समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती है। चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा का तीसरा तथा चौथा दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है।

रविवार तीसरे दिन की शाम को वृद्धि महिलाओं द्वारा सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा की गई। पिपराहा तालाब घाट में इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी। यहां भक्ति में माहौल के बीच छठ माता की पूजा की गई।

इस अवसर पर महिलाओं ने गन्ने का मंडप सजाकर आरती के साथ पूजा की छठ पूजा के प्रसाद में घरों में बने पकवान ठेकुआ मौसमी फल गाना आदि रखकर रखा जाता है। इसे घर के युवाओं पुरुषों द्वारा श्रद्धा वर्षवश पर रख कर घाट तक लाया जाता है। अघ्र्य के पूर्व महिलाओं ने तालाब जाकर स्नान किया फिर गीले कपड़ों में ही प्रसाद को सूपे में रख कर पानी में खड़े होकर अघ्र्य दिया जाता है।

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