रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 नवंबर। विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नेट) के सिलेबस में छह साल के बाद बदलाव होने जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत यूजीसी नेट परीक्षा के सभी 83 विषयों का नया सिलेबस तैयार कर लिया है। यूजीसी काउंसिल ने भी इसे मंजूरी दे दी है। अगले साल जून की नेट से इसे लागू किए जाने की संभावना है।
यूजीसी के मुताबिक छह सालों के बाद यूजीसी नेट परीक्षा के सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। यूजीसी काउंसिल की 3 नवंबर को हुई बैठक में सिलेबस के बदलाव को मंजूरी मिली है। जल्द ही नए सिलेबस का ड्राफ्ट राज्यों और विश्वविद्यालयों के साथ साझा करने के साथ इसे यूजीसी वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर नेट का नया सिलेबस जारी किया जाएगा।
वर्ष 2017 में हुआ था बदलाव इससे पहले वर्ष 2017 में यूजीसी नेट के सिलेबस में बदलाव किया गया था। इसके बाद नई शिक्षा नीति लागू हुआ, इसलिए एनईपी के तहत यूजीसी नेट का सभी 83 विषयों का नया सिलेबस तैयार किया गया है। विशेषज्ञों की समिति ने नए सिलेबस में बहुविषयक दृष्टिकोण और समग्र शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है।
साल में दो बार होती है परीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग साल में दो बार नेट आयोजित करता है। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) करती है और यह परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। कंप्यूटर आधारित इस राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी की जाती है।