बलरामपुर
सनातन संस्कृति और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने का है उद्देश्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज, 24 नवंबर। रामानुजगंज में कन्हर नदी के तट पर स्थित मां महामाया मंदिर में दस दिवसीय रामलीला का मंचन किया जा रहा है। प्रयागराज से आए हुए आठ कलाकारों की टीम के द्वारा रामलीला का मंचन किया जा रहा है,सनातन संस्कृति और संस्कारों को जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से प्रयागराज की टीम के द्वारा देशभर के अलग-अलग जगहों पर रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से आए हुए आठ कलाकारों की टीम के द्वारा रामानुजगंज में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। सरगुजा संभाग के अंबिकापुर, सीतापुर बतौली, पत्थलगांव सहित रायगढ़ में भी इन कलाकारों की टीम के द्वारा रामलीला मंचन किया जा चुका है, वे पिछले ग्यारह साल से रामलीला मंचन कर रहे हैं।
रामानुजगंज के मां महामाया मंदिर में रामलीला मंचन
रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक 09 में कन्हर नदी के तट पर मां महामाया मंदिर के प्रांगण में रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला भारत में परम्परागत रूप से भगवान राम के जीवन पर आधारित नाटक है।रामलीला में भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण के जीवन का वृत्तांत वर्णन किया जाता है,रामलीला का मंचन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में होता है।
रामकथा और रामलीला हमारा पूराना संस्कार-पाण्डेय?
रामलीला के संचालक राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय? का कहना है कि जो हमारी पूरानी संस्कृति दबी जा रही है उसे एक बार फिर रामानुजगंज के महामाया मंदिर में चल रहे दस दिवसीय रामलीला मंचन को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र से लोग आते हैं श्रद्धानुसार जो भी दान करते हैं।