रायगढ़
राजीव नगर में निरंतर छ: साल से निकलती है बारात
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 26 नवंबर। त्रिभुवन महिला समिति एवं पंखुड़ी ग्रुप के तत्वावधान में राजीव नगर दूध डेयरी गली नंबर एक से बैंड बाजे के साथ धूमधाम से तुलसी माता के लिए बारात निकली।
पंखुड़ी ग्रुप की सक्रिय सदस्य कंचन पांडेय ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि तुलसी विवाह का यह छठवां सामूहिक आयोजन है। समिति से जुड़ी महिलाएं अपने-अपने घर की पूजा संपन्न करने के बाद सामूहिक रूप से तुलसी विवाह में शामिल होती हैं।
कंचन पांडेय ने बताया -विवाह का यह आयोजन दो दिवसीय होता है और पारंपरिक तौर तरीके से एक दिन मेहंदी की रस्म होती है और अगले दिन बकायदा दूल्हे के बरात निकलती है जिसमे सभी महिलाए पुरुष बच्चे शामिल होते हंै। तुलसी विवाह देव उठने का शंखनाद भी होता है। देव के उठते ही शुभ कार्य विवाह गृह प्रवेश मुंडन जैसे कार्य शुरू हो जाते है जो आगामी आठ महीनों तक लगातार जारी होते है। तुलसी माता सालिक राम का विवाह सम्पूर्ण मानव जाति के लिए विवाह का एक संदेश माना जाता है। सामूहिक तुलसी विवाह के जरिए आने वाली पीढ़ी में संस्कार संस्कृति जागृत करते हुए उन्हें रीति रिवाज से अवगत कराना है।
राजीव नगर स्थित दूध डेयरी के पास गली नंबर एक बारात वर पक्ष के यहां से वधु के निवास के लिए निकली। वर पक्ष के माता पिता लाली मेहर कौशल मेहर थे। वर पक्ष के यहां से निकली बारात में सैकड़ों महिलाए पुरुष बच्चे परंपरागत नए वस्त्र पहन कर बराती बनकर शामिल हुए।
बैंड बाजे गाजे बाजे के साथ निकली यह बरात वधु पक्ष के माता पिता मोनिका सोनी एवं विनोद सोनी के निवास पहुंची। वधु के निवास मे बारातियों का परंपरा गत तरीके से द्वार चार स्वागत किया गया। घर को रंगोली दिए से सजाया गया था। तुलसी माता को शगुन की हल्दी चढ़ा कर महिलाओ ने एक दूसरे के गालों में हल्दी भी लगाई। विवाह के एक दिन पहले वधु के मेहंदी लगाए जाने की परंपरा है। तुलसी विवाह के एक दिन पूर्व दोनो समितियों ने मेहंदी की रस्म भी रखी थी।जिसके तहत वधु के निवास पर महिलाओ ने एक दूसरे को मेहंदी भी लगाई।
सामुहिक तुलसी विवाह के जरिए आने वाली पीढ़ी को संस्कृति का संदेश- कंचन पांडेय
पंखुड़ी ग्रुप से जुड़ी कंचन पांडेय ने बताया कि सामूहिक तुलसी विवाह का यह छटवा आयोजन है। इस आयोजन के जरिए आपस में महिलाओ में संस्कृति तालमेल के साथ साथ आने वाली पीढ़ी को संस्कारों एवं संस्कृति से अवगत कराना है।