रायपुर
इंडोर स्टेडियम में आधी रात बाद तक गुदगुदाते रहे कवि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 27दिसंबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मंगलवार रात राजधानी के सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित नवा सुरुज कवि सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ महतारी और बलिदानी वीर साहिबजादों के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव सहित सभी अतिथियों ने कवि सम्मेलन का आनंद लिया। देश के प्रख्यात कवि डॉ कुमार विश्वास और पद्म डॉ सुरेंद्र दुबे की पंक्तियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। कवियों की वीर, श्रृंगार और हास्य रस की कविताओं से पूरा स्टेडियम झूम उठा।
कवि सम्मेलन में मनवीर मधुर , गोविंद राठी, सुश्री सपना शर्मा ने अपनी मौलिक रचनाओं का वाचन किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव, विजय शर्मा, केबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, ओ पी चौधरी, विधायक अनुज शर्मा, विधायक खुशवंत साहेब, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक धरम लाल कौशिक भी उपस्थित रहे। राजधानी के श्रोता देश प्रेम की भावना जागते और समरसता के भाव दर्शाते काव्यपाठ रात एक बजे के बाद तक चला।
ओज कवि मनवीर ने इंदिरा गांधी, अटलजी से लेकर मोदी तक कांग्रेस भाजपा की देश में राजनीति के अंतर को अपनी पंक्तियों में दर्शाया। उनकी यह पंक्ति भी चर्चित रही कि -बिना राम के तो,रावण को भी मोक्ष नहीं मिल पाता है। गोविन्द राठी ने पति,पत्नी और महंंगाई के संबंधों को लेकर गुदगुदाया। एक कवि की यह लाइन आपसी संबंधों में आए गिरावट को बयां करती है । सेल्फिश हम इतने हुए सेल्फी के दौर में, अपना चेहरा याद रहा, अपनों का चेहरा भूल गए। नेताओं पर कवियों के तंज पर जमकर बजी तालियां। तो प्रेम, प्रेमिका-प्रेमी पर पंक्तियों पर बजी सीटियां। सुरेंद्र दुबे की छत्तीसगढ़ी पंक्तियों से भी लगे ठहाके।
मंच के आकर्षण रहे कुमार विश्वास ने अपनी चिर परिचित कविता कोई दीवाना कहता है,कोई पागल समझता है,सुनाई। उनकी नई पंक्तियाँ- मुस्कुराती जिंदगानी चाहिए, शब्द की जागृत कहानी चाहिए। सारी दुनिया अपनी हो जाती है, बस उसकी मेहरबानी चाहिए। इससे पहले आयोजक उज्जवल दीपक ने सीएम साय मंत्रियों और कवियों का शाल स्मृति चिन्ह से स्वागत किया।