बलौदा बाजार

आदिवासी एकता पर बल, नशा से दूर रह आगे बढऩे का आह्वान
31-Dec-2023 7:01 PM
आदिवासी एकता पर बल, नशा से दूर रह आगे बढऩे का आह्वान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा,  31  दिसंबर। 
प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी गवरा दाई महिला सेवा समिति, गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति, छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ एवं युवा प्रभाग भाटापारा के संयुक्त तत्वावधान में शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस का कार्यक्रम गोंडवाना भवन हथनीपारा में रखा। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित विधायक  इन्द्र साव द्वारा आदिवासी एकता पर बल देते हुए शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे आने की मंशा प्रकट करते हुए भविष्य हर संभव सहायता करने का आश्वासन देते हुए गोंडवाना भवन समतलीकरण एवं किचन शेड निर्माण हेतु तीन लाख रूपए का अनुदान स्वीकृत कर समाज को गौरवान्वित किया।

विशिष्ट अतिथि  सतीश अग्रवाल ने भी समाज को संगठित रहने तथा हर संभव आगे बढ़ते शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढऩे तथा नशाखोरी से दूर रहने का आगे बढऩे का आशीर्वाद प्रदान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति के प्रांतीय महासचिव आर के कुंजाम ने कहा-देश प्रदेश के शासन प्रशासन हकीकत आदिवासी हितैषी हंै तो भारत देश का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव जंगल की कटाई बंद करें, तभी आदिवासी हितैषी वाला बात सार्थक होगा।

कुंजाम ने कहा प्रकृति सत्य है, प्रकृति से हमें आक्सीजन प्राप्त होता है,वनों से वर्षा होती है,वनों और प्रकृति के माध्यम से विश्व पर बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सकता है, पर शासन प्रशासन के माध्यम जंगलों की कटाई करवा रहे हैं जो भविष्य में विनाश का कारण बन सकता है। साथ ही साथ आदिवासी क्षेत्रों में पांचवीं छठवीं अनुसूची पेसा कानून मात्र कागजों में सिमट रह गया है। प्रशासन पर बैठे लोग इनका पालन नहीं कर पा रहे हैं।  आदिवासी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

जंगलों की कटाई के का जंगली पशु कस्बों, शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं,हाथी आदिवासी गांवों और फसलों को नष्ट कर रहे हैं।इन सबका कारण जंगलों की कटाई है।  अत: आदिवासी शासन प्रशासन से आग्रह करता है कि हकीकत में देश प्रदेश में बैठे शासन प्रशासन के लोग आदिवासी हितैषी है तो सबसे पहले देश की फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव जंगल की कटाई पर रोक लगाये, अनुसूची क्षेत्रों में पांचवीं छठवीं अनुसूची का सख्ती से पालन हो,पेसा कानून का पालन हो, आदिवासियों को प्रताडि़त करना, जंगलों की कटाई रोकने वालों को जेल में डालना बंद करें। तभी सच्चे आदिवासी हितैषी कहलायेंगे।ये केवल आदिवासी हितों के लिए नहीं बल्कि समस्त जन जीवन के लिए है, समस्त प्राणियों के लिए है।

खदानों उद्योग धंधों से विकास कम इनके फैलते, धुआं जहरीली गैसों से , विनाश होगा, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगा। आदिवासी जल जंगल जमीन के संरक्षक और जीवन दाता है। इस प्रकार से उद्बोधन पश्चात् धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समापन की घोषणा किया गया।

कार्यक्रम का संचालन मोहन मंडावी उपाध्यक्ष गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति जिला बलौदाबाजार भाटापारा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर अमर मंडावी ब्लॉक अध्यक्ष ग्रामीण कांग्रेस भाटापारा, विजय निषाद प्रमुख निषाद समाज, लीला राम नेताम अध्यक्ष, कृष्ण कुमार खुसरो,मोहन मंडावी, कृष्ण कुमार मंडावी सहसचिव, योगेश मंडावी, गंगाराम मंडावी, भोला पोर्ते, शैल नेताम, चंद्रप्रकाश मंडावी, राघवेन्द्र सिंह कुंजाम, रामकुमार नेताम,बिशेसर नेताम,झब्बू नेताम, अभिषेक पोर्ते, अक्षय नेताम, सूरज नेताम, रमेश नेताम के साथ गवरा महिला सेवा समिति से अध्यक्ष अनुसूईया नेताम,उषा मंडावी, मालती कुंजाम, जंत्री नेताम, कुमारी नेताम,सातों नेताम युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष ऐश्वर्या कुंजाम, सरिता ध्रुव पत्रकार,  नंदकुमार, तुषार के साथ सैकड़ों की संख्या में उपस्थिति रहीं।

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