राजनांदगांव
नौकरी, जमीन और आवास के लिए तरस रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 जनवरी। नक्सली हिंसा के शिकार कई परिवारों को सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति का फायदा नहीं मिल रहा है। लंबे अरसे से बुनियादी सुविधा की मांग कर रहे पीडि़तों को सिर्फ कोरे आश्वासन मिल रहे हैं। इसी के चलते नक्सल हिंसा के पीडि़त कुछ परिवार के लोगों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर नौकरी, जमीन, आवास समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ज्ञापन सौंपा।
नक्सल पीडि़त परिवार के लोगों ने बुधवार को जिला कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर नक्सल पीडि़त पुनर्वास योजनांर्तत जमीन, प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत राशि दिलाने की मांग की। पीडि़तों ने बताया कि नक्सल पीडि़त परिवारों को पुनर्वास करने नक्सल पुनर्वास नीति बनाई गई है। गृह विभाग के आदेश के तहत नक्सल पीडि़त परिवारों को आवास, मकान देने का प्रावधान है।
पीडि़तों ने बताया कि गत् 25 जनवरी 2021 को जिला कार्यालय जिला स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक आयोजित किया गया था। बैठक में नक्सल पीडि़त परिवारों को 900 वर्ग फीट जमीन प्रति परिवार को आबंटन करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर द्वारा पत्र के माध्यम से तहसीलदार राजनांदगांव, डोंगरगढ़ एवं मानपुर को आवासीय भूखंड उपयुक्त भूमि की जानकारी एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने पत्र प्रेषित किया गया है। आज तक पीडि़त परिवारों को जमीन आबंटन नहीं किया गया है। पीडि़त परिवारों द्वारा इस संंबंध में कलेक्टर और एसपी को आवास दिलाने कई बार आवेदन प्रस्तुत किया गया, लेकिन आज तक आवास आबंटित नहीं किया गया है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान सुशीला देहारी, डामिन, सनारो, रमसो, रंजीता, रमोतिन, दुकली, ललीताबाई, रामबाई, लतीबाई, गोविंद बोगा, चंपा, कलेश्वरी, अंकित उजवने, दुकली, सुशीला केरामे, संत्रीबाई, सुशीला, गणेश, अमृत छेदैया, उर्मिला समेत अन्य लोग शामिल थे।