राजनांदगांव
अं. चौकी के बहुचर्चित आरती कुंजाम हत्याकांड में अदालत ने दिया फैसला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 जनवरी। पांच साल पुराने एक महिला आरक्षक की हत्या का आरोपी सब-इंस्पेक्टर को अदालत ने बा-इज्जत बरी कर दिया है। यह फैसला सुनकर अदालत में मौजूद आरोपी के परिजनों की आंखे छलक गई। वहीं सब-इंस्पेक्टर ने भी राहत की सांस ली।
20 अगस्त 2018 को हुए इस हत्याकांड से पुलिस महकमा हिल गया था। अदालत में पुलिस आरोपी के खिलाफ अपराध सिद्ध करने में नाकाम रही। मिली जानकारी के मुताबिक अंबागढ़ चौकी थाना में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर डीपी नापित का कथित रूप से महिला आरक्षक आरती कुंजाम के साथ प्रेम-प्रसंग था। दोनों के बीच रिश्तों में कड़वाहट आने लगी। वजह यह थी कि आरोपी सब-इंस्पेक्टर शादीशुदा था, जिसके चलते महिला आरक्षक और आरोपी के बीच आए दिन विवाद होता था। इससे छुटकारा पाने के लिए सब-इंस्पेक्टर ने तथाकथित रूप से महिला आरक्षक की हत्या कर दी। इस घटना के बाद लापता महिला आरक्षक की पुलिस ने खोजबीन शुरू की। जिसमें डोंगरगांव क्षेत्र के बगदई नदी में सिर, हाथ-पैर कटी शव नग्न अवस्था में तैरते नजर आया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया।
विवेचना में यह बात सामने आई कि सब-इंस्पेक्टर और मृतिका आरती कुंजाम के मध्य प्रेम-संबंध था। पूछताछ के लिए पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया। इसके बाद पुलिस ने हत्या के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया। इस बीच राजनांदगांव न्यायालय के विशेष न्यायाधीश थॉमस एक्का ने पुलिस द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों को निराधार बताते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया।
ज्ञात हो कि इस हत्याकांड को लेकर आदिवासी समाज ने भी काफी हंगामा किया था। आरोपी को फांसी की सजा दिलाने की मांग लेकर प्रदर्शन भी किया गया था, लेकिन पुलिस के अदालत में अपराध सिद्ध करने में नाकाम होने से सब-इंस्पेक्टर दोषमुक्त करार दिया गया।