सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर, 26 फरवरी। मैनपाट कार्निवाल में हिन्दी साहित्य परिषद् व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में सरस कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने विविध विषयों पर अपनी श्रेष्ठ व मधुर कविताओं की प्रस्तुतियां देकर लोगों को भावविभोर कर दिया। प्रशासन की ओर से सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो द्वारा कवियों को स्मृति-चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता हिंदी साहित्य परिषद के जिला अध्यक्ष विनोद हर्ष ने की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में गीतकार पूनम दुबे ‘वीणा’ ने नारियों की पीड़ा, विवशता व अपमान पर मार्मिक गीत की प्रस्तुति दी। गीतकवि कृष्णकांत पाठक,वरिष्ठ कवि डॉ. सपन सिन्हा,कवयित्री मंशा शुक्ला, गीतकार पूर्णिमा पटेल ने सरगुजा की महिमा का जीवंत चित्रण अपनी गीतिका में किया।कवि-सम्मेलन में हिन्दी साहित्य परिषद् के अध्यक्ष वरिष्ठ कवि विनोद हर्ष ने अपने गीत में दुर्लभ औषधियों, खनिज व वन-सम्पदाओं से परिपूर्ण मैनपाट को ईश्वर की अद्भुत रचना बताया।कवयित्री माधुरी जायसवाल ने मैनपाट की प्रकृति को परम रमणीय व सुखदायी बताते हुए उसे प्रेम-संदेश की संवाहक बताया।
कवि अंचल सिन्हा ने मैनपाट को छत्तीसगढ़ की शिमला बताते हुए उसके सुखद मौसम का वर्णन किया। कवयित्री आशा पाण्डेय ने भी मैनपाट के आंतरिक स्थलों के सौंदर्य का अपनी कविता में जि़क्र कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अंत में कार्यक्रम के सफल संचालक कवि संतोष सरल ने अपने सुमधुर सरगुजिहा गीत से कवि-सम्मेलन का यादगार समापन किया।